मंगलसूत्र और चूड़ी पहनकर बच्चे ने लगाई फांसी, और फिर इस तरह पूरा हुआ गेम का टास्क…

मोबाइल पर गेम में मिले टास्क को पूरा करने की लत एक बच्चे पर इतनी भारी पड़ गई कि उसकी जान चली गई. मोबाइल पर ऑनलाइन गेम खेल रहे 12 साल के बच्चे ने गेम में मिले टास्क को पूरा करने के लिए मौत का गले लगा लिया. फांसी लगाने से पहले उसने गले में मंगलसूत्र और हाथों में चूड़ियां पहनी. फिर वह अपने घर के बाथरूम में बेड़ियों से अपने गले में फांसी लगा ली. उसने यह सबकुछ इसलिए किया क्योंकि उसे ऑनलाइन गेम में ऐसा करने का टास्क मिला था.

बाथरूम में फांसी लगाकर जान दे दी 

पल भर की खुशियों के लिए जिस मोबाइल को अमूमन हम अपने बच्चों को गेम खेलने के लिए दे देते हैं उसी मोबाइल के एक खेल ने एक परिवार का सुकून छीन लिया और उन्हें जीवन भर का दर्द दे दिया. 12 वर्षीय मासूम खुशाल अपने कमरे में खेल रहा था परिवार के अन्य लोग भी अपने काम में व्यस्त थे. देर रात गेम में मिले टास्क को पूरा करने की जिद में खुशाल ने मोबाइल गेम के वीडियो की कॉपी करते हुए हाथों में चूड़ियां पहन ली, गले में मंगलसूत्र पहन लिया और लोहे की मोटी बेड़ियां अपने गले में लपेट कर बाथरूम में फांसी पर झूल गया.

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डॉक्टरों ने मृत लाया घोषित कर दिया 

सुबह जब खुशाल नहीं उठा तो परिजनों ने उसे कमरे में तलाश किया, लेकिन जब वह नहीं मिला सभी परेशान हो गए और उसे इधर-ऊधर ढूंढने लगे. इसी दौरान घर का एक सदस्य जब बाथरूम का दरवाजा खोला तो वह चीख पड़ा. सभी बाथरूम की तरफ दौड़े और खुशाल को फांसी के फंदे से लटका हुआ देखकर परिजनों के नीचे से जमीन खिसक गई. अपने इकलौते बच्चे को फांसी के फंदे पर लटकता देख परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट गया. मृतक खुशाल के पिता ने बताया कि गेम की तरह खुशाल के हाथों में चूड़ियां, गले में बेड़ियां और मंगलसूत्र पहना हुआ था. लेकिन जब तक परिजनों को पता चला तब तक बहुत देर हो चुकी थी. परिजनों ने उसे निजी अस्पताल में भर्ती करवाया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया 

सूचना मिलने पर विज्ञान नगर थाना पुलिस ने मौके पर पहुंच कर घटनास्थल का जायजा लिया तो बेड़ियों, चूड़ियों और गेम को देखकर पुलिस भी सकते में आ गई. बाद में शव का पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को सौंप दिया गया. घटना के बाद से खुशाल के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. यह इस तरह की पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी दर्जनों बच्चे मोबाइल गेम के चक्कर में जान दे चुके हैं. अभिभावकों को जागरूक होने की जरूरत है कि उनके बच्चे मोबाइल पर क्या कर रहे हैं. मनोरंजन के नाम पर वो कहीं अपनी जिंदगी को तो दांव पर नहीं लगा रहे हैं.

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