अापने अक्सर लोगों को ये शिकायत करते देखा होगा कि उन्हें भूख नहीं लगती हैं। भूख लगने के लिए वो कई तरह की दवाईयों और डॉक्टरों का भी सहारा लेते हैं। अगर आप भी कुछ ऐसी ही परेशानी से जूझ रहे हैं तो ये आसन करके देखिए।
उत्तानपाद आसन करने से सीना चौड़ा होने के साथ रीढ़ की हड्डी भी लचीली होती है। इतना ही नहीं भूख न लगने की समस्या भी खत्म हो जाती है।
उत्तानपाद आसन को करने के लिए सबसे पहले बैठ जाएं । इसके बाद अपने पैरों को आगे फैलाएं और तलवों को तानें। फिर दो चार गहरी सांस लेकर आसन लगाए हुए ही पीठ के बल लेट जाएं। सांस छोड़ते हुए गर्दन को ऊपर की ओर उठाएं।
अंत में, हाथों के सहारे सिर के ऊपरी हिस्से को जमीन पर टिकाएं। इस अवस्था में कमर को जमीन से जितना संभव हो, ऊपर उठाएं। हथेलियों पैरों के समानान्त रहें। सांस छोड़ते हुए गर्दन को सीधा कर शवासन में आ जाएं।
उत्तानपाद आसन का नियमित अभ्यास करने से पेट संबंधी कई बीमारियां ठीक हो जाती हैं। यह आसन नाभि पर भी गहरा प्रभाव डालता है।
पेट की प्रॉब्लम्स जैसे कब्ज, गैस, एसिडिटी से अगर आप भी परेशान हैं तो इन समस्याओं के लिए बार-बार दवाएं खाने से बेहतर है कि आप सिर्फ ये योग करें।
गांव देहातों में आज भी दिन में दो बार लोग सोते हैं। पुरानेजमाने में भी लोग रात के अलावा दोपहर में जरूर सोते थे। लेकिन शहरों की भागदौड़ के बीच दो बार सोना मुमकिन नहीं है। पर जो भी हो, दिन में दो बार सोने को मनोवैज्ञानिक सेहत के लिए फायदेमंद मानने लगें हैं।