भीष्म पितामह ने मृत्यु से पहले स्त्रियों के बारे में जो कहा, आज भी पुरूषों को करना चाहिए उन बातों पर अमल

माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को भीष्‍म अष्‍टमी मनाई जाती है। आज भीष्‍म अष्‍टमी है और कुछ लोग इस दिन व्रत और दान – पुण्य भी करते हैं। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन भीष्म पितामह ने सूर्य के उत्तरायण होने पर अपने प्राण त्यागे थे। जब भीष्म पितामह तीरों की शैय्या पर लेटे हुए थे तब उन्होंने युधिष्ठिर को स्त्रियों को लेकर कुछ खास बातें बताई थीं। इनमें से कुछ बातें आज के समय में भी प्रासंगिक हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में…..भीष्म पितामह ने मृत्यु से पहले स्त्रियों के बारे में जो कहा, आज भी पुरूषों को करना चाहिए उन बातों पर अमल

भीष्म पितामाह ने युधिष्ठिर को बताया कि जिस घर में स्त्रियों का सम्मान नहीं होता है उस कुल का जल्दी ही नाश हो जाता है और ऐसे घर में लक्ष्मी भी निवास नहीं करती है। वहीं जिस घर में स्त्रियों को पूरा मान – सम्मान दिया जाता है, उस घर में कभी भी किसी चीज की कोई कमी नहीं होती है।

भीष्म पितामाह ने युधिष्ठिर को बताया कि स्त्रियां नाराज होकर जिन घरों को श्राप दे देती हैं, वे नष्ट हो जाते हैं।

भीष्म पितामाह ने कहा कि जिस घर में स्त्रियों की इच्छाओं की पूर्ति नहीं होती है उस घर के पुरूषों को कभी भी प्रसन्नता नहीं मिलती है। जहां स्त्रियों का आदर होता है, वहां देवता प्रसन्न होकर निवास करते हैं। स्त्रियां ही घर की लक्ष्मी हैं, इसीलिए पुरुषों को उनका भलीभांति सत्कार करना चाहिए।

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