भिक्षावृत्ति और बालश्रम रोकने के लिए चारधाम की पैदल यात्रा पर निकला यह युवक

 भिक्षावृत्ति और बालश्रम रोकने के लिए उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले का एक युवा अजय ओली चारधाम की पैदल यात्रा पर निकला है। वह जगह-जगह अभिभावकों से मिलकर उन्हें भिक्षावृत्ति व बालश्रम को समाप्त करने की शपथ भी दिला रहा हंै। अभी तक अजय14800 किमी का पैदल सफर तय कर चुके हैं। इस दौरान उन्होंने आठ राज्यों के 88 शहरों में 2.44 लाख लोगों से मुलाकात कर उन्हें भिक्षावृत्ति व बालश्रम रोकने की शपथ दिलाई।

27-वर्षीय अजय ने 29 सितंबर 2015 को पिथौरागढ़ से इस अभियान की शुरुआत की गई थी। दरअसल पिथौरागढ़ का चाणा गांव निवासी अजय विद्यालयों में मोटिवेशन का काम करते हैं। पिथौरागढ़ के धनौड़ा नगर में कार्य के दौरान झुग्गी-झोपडिय़ों में बालश्रम व भिक्षावृत्ति की तस्वीर ने उन्हें अंदर तक झकझोर दिया। बस! यहीं से उनकी धारणा बदल गई और इस कुप्रथा को समाप्त करने का संकल्प लेकर निकल पड़े अपने अभियान पर। उनके प्रयासों का ही नतीजा रहा कि आज पिथौरागढ़ शहर बाल भिक्षावृत्ति से मुक्त हो चुका है। 

इस सफलता के बाद अजय ने देश के अन्य क्षेत्रों में भी यह अभियान चलाया। इसके लिए उन्होंने पैदल भ्रमण की शुरुआत की। पिथौरागढ़ के बाद पहले उन्होंने अल्मोड़ा, हल्द्वानी व नैनीताल क्षेत्र अभियान चलाया और फिर उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब आदि राज्यों में लोगों को बाल भिक्षावृत्ति के प्रति जागरूक किया। अजय अभी तक उत्तराखंड समेत आठ राज्यों में लोगों को जागरूक कर चुके हैं। अब वह चारधाम यात्रा पर आकर यहां के लोगों को बाल भिक्षावृत्ति दूर करने की शपथ दिलवा रहे हैं। चारों धाम में विद्यालयों के अलावा सार्वजनिक स्थलों पर भी वह 52 हजार लोगों को बाल भिक्षावृत्ति समाप्त करने की शपथ दिलवा चुके हैं। 

उत्तराखंड को बालश्रम मुक्त करना है ध्येय 

अजय का कहना है कि उनका उद्देश्य वर्ष 2021 तक पूरे उत्तराखंड को बाल भिक्षावृत्ति व बालश्रम से मुक्त करना है। इसी के तहत वह बदरीनाथ धाम पहुंचे हैं।  बताया कि अभियान की सफलता के लिए सभी जिलों में टीमों का गठन भी किया जा रहा है। 

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