भावी पीढ़ी के कंधों पर ही भविष्य के समाज का दारोमदार : परवीन तलहा

सीएमएस जॉपलिंग रोड कैम्पस ने किया ‘इण्टरनेशनल डे ऑफ टॉलरेन्स’ का आयोजन

लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, जॉपलिंग रोड कैम्पस द्वारा ‘इण्टरनेशनल डे ऑफ टॉलरेन्स’ का आयोजन आज सायं सी.एम.एस. गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) ऑडिटोरियम में किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के छात्रों ने ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का रंग बिखेरते शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों द्वारा एकता, शान्ति, सौहार्द व सद्भाव की भावना को सारे विश्व में प्रवाहित किया, साथ ही ‘मॉडल यूनाईटेड नेशन्स (एम.यू.एम.)’ के शानदार प्रस्तुतिकरण द्वारा विश्व की ज्वलन्त समस्याओं पर अपने सारगर्भित विचार प्रस्तुत किये। विदित हो कि विश्व समाज में एकता, शान्ति, सौहार्द व सहिष्णुता की भावना को बढ़ावा देने के लिए यूनेस्को द्वारा प्रतिवर्ष 16 नवम्बर को ‘इण्टरनेशनल डे ऑफ टॉलरेन्स’ मनाया जाता है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत सी.एम.एस. जॉपलिंग रोड कैम्पस द्वारा छात्रों में सहिष्णुता की भावना को बढ़ावा देने हेतु कविता, भाषण, वाद-विवाद एवं स्लोगन राइटिंग जैसी रोचक प्रतियोगिताएं आयोजित की गई।

इससे पहले, मुख्य अतिथि के रूप में पधारी पद्मश्री सुश्री परवीन तलहा, आई.ए.एस. (रिटा.) ने दीप प्रज्वलित कर ‘इण्टरनेशनल डे ऑफ टॉलरेन्स’ समारोह का विधिवत उद्घाटन किया। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में सुश्री तलहा ने कहा कि भावी पीढ़ी के कंधों पर ही भविष्य के समाज का दारोमदार है, ऐसे में जैसी शिक्षा व संस्कार बच्चों को बचपन में दिये जायेंगे, उसी के अनुरूप आगे चलकर वे समाज निर्माण में अपनी भागादारी निभायेंगे। सुश्री तलहा ने विश्वास व्यक्त किया कि यह समारोह सिर्फ बच्चों को ही नहीं अपितु बड़ों को भी सहिष्णुता की भावना और उसके महत्व से अवगत कराने में महत्वपूर्ण है।

इस अवसर पर अपने सम्बोधन में सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि इस आयोजन के पीछे हमारा उद्देश्य विश्व के ढाई अरब से अधिक बच्चों के मस्तिष्क में उच्च आदर्शो से ओत-प्रोत नये विचारों को भरना है। इन्हीं रचनात्मक विचारों से मानवजाति की सारी समस्याओं के हल मिल जायेंगे और धरती को स्वर्ग बनाने का सपना साकार होगा। सी.एम.एस. जॉपलिंग रोड की प्रधानाचार्या रोली त्रिपाठी ने सभी आगन्तुकों व अभिभावकों का स्वागत करते हुए कहा कि आदर्श समाज की अवधारणा तभी सम्भव होगी जब हम अपने छात्रों में वैज्ञानिक सोच व नवप्रवर्तन की भावना जागृत करें। यह समारोह छात्रों की सृजनशीलता को बढ़ावा देने के साथ ही उनमें एकता, शान्ति व सद्भाव की भावना को विकसित करने में सफल साबित हुआ है।

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