भारत में पूर्ण सूर्यग्रहण देखने का सिर्फ एक मौका, 17 साल करना होगा इंतजार

 

भोपाल। अमेरिका में सोमवार 21 अगस्त को पूर्ण सूर्यग्रहण होगा। लेकिन, भारत में पूर्ण सूर्यग्रहण देखना है तो 17 साल इंतजार करना पड़ेगा। 2034 में 20 मार्च को भारत में पूर्ण सूर्यग्रहण देखा जा सकेगा। यह पूर्ण सूर्यग्रहण करगिल क्षेत्र में ही नजर आएगा। हालांकि, खंडग्रास सूर्यग्रहण 26 दिसंबर 2019 को एनुलर सोलर एकलिप्स मेंगलौर, कोयम्बटूर में देखा जा सकेगा।
 भारत में पूर्ण सूर्यग्रहण देखने का सिर्फ एक मौका, 17 साल करना होगा इंतजार
-इसके बाद 21 जून 2020 को बीकानेर और नई दिल्ली में देखा जा सकेगा। लेकिन, टोटल सोलर एकलिप्स को देखने 20 मार्च 2034 का इंतजार करना होगा, जो कारगिल क्षेत्र में देखा जा सकेगा।
-इसके बाद भारत में इस सदी में कोई पूर्ण सूर्य ग्रहण नहीं होगा। सदी का आखिरी सूर्यग्रहण 4 सितंबर 2100 को होगा। 22 मई 2096 को आंशिक सूर्यग्रहण एशिया में देखा जाएगा लेकिन भारत में यह नहीं देखा जा सकेगा।

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112 किमी रेंज में 14 राज्य होंगे कवर

साइंस कम्यूनिकेटर सारिका घारू ने बताया कि यह पूर्ण सूर्यग्रहण नार्थ अमेरिका, पश्चिमी यूरोप में मुख्य रूप से दिखाई देगा। भारतीय समय के अनुसार यह सूर्यग्रहण 21 अगस्त की रात्रि 9 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर रात 2 बजकर 34 मिनट पर खत्म होगा। अमेरिका के लगभग 112 किमी क्षेत्र में रिबन की तरह पश्चिम से पूर्व की ओर 14 राज्यों को यह सूर्यग्रहण कवर करेगा।

जानिए विभिन्न प्रकार के सूर्यग्रहण के बारे में…

पूर्ण सूर्यग्रहण

जब चंद्रमा की छाया सूर्य को पूरी तरह से ढक लेती है तब पूर्ण सूर्यग्रहण (टोटल सोलर इकलिप्स) होता है। ऐसी स्थिति में सूर्य की किरणें पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती हैं और धरती के उस हिस्से पर रात जैसा अंधेरा छा जाता है।

वलयाकार सूर्यग्रहण
जब चंद्रमा सूर्य को इस प्रकार से ढंकता है कि सूर्य के बीच का हिस्सा तो कवर हो जाता है, लेकिन बाहर का रिंग के आकारनुमा हिस्सा दिख रहा होता है तो वलयाकार सूर्यग्रहण (एन्युलर सोलर इकलिप्स) होता है।

 

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