भारत में एक ऐसी भी है जगह, जहाँ पुरुष भी करते हैं लेडीज टॉयलेट का इस्तेमाल, जानिये…!

महिला सुरक्षा को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करने वाली दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले परिवहन विभाग का हाल बेहाल है। आनंद विहार बस अड्डे का ही उदाहरण लीजिए, यहां बने महिला सार्वजनिक शौचालय का पुरुष भी उपयोग करते हैं, इसलिए महिलाएं वहां जाने से ही परहेज करने लगी हैं।भारत में एक ऐसी भी है जगह, जहाँ पुरुष भी करते हैं लेडीज टॉयलेट का इस्तेमाल, जानिये...!

हैरानी की बात यह है कि यहां एस्टेट मैनेजर सहित विभाग के तमाम अधिकारी बैठते हैं, लेकिन इस अव्यवस्था पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।

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आनंद विहार बस अड्डे पर अलीगढ़, बरेली, मेरठ, सहारनपुर सहित कई रूटों से करीब 800 बसें आती हैं और हजारों यात्री आवाजाही करते हैं, लेकिन हालत ऐसी है कि लाखों रुपये खर्च होने के बावजूद यात्रियों को सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।

वाटर कूलर हैं, पर ठंडा पानी नहीं मिलता

बस अड्डे पर 160 प्लेटफार्म बनाए गए हैं, जहां से अलग-अलग स्थानों के लिए बसें रवाना होती हैं। यात्रियों के लिए वाटर कूलर तो लगाए गए हैं, लेकिन तकनीकी खराबी के चलते इनमें ठंडा पानी नहीं आता।

यहां काम करने वाले एक सुपरवाइजर ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि पानी की मशीन सही नहीं कराने की असली वजह यहां के दुकानदारों को फायदा पहुंचाना है। यात्रियों को अगर ठंडा पानी मशीनों से ही मिल जाएगा तो दुकानदारों का पानी कैसे बिकेगा।

टूटी पड़ी हैं कुर्सियां, यात्री खड़े रहने को मजबूर

इतने बड़े बस अड्डे पर हजारों की संख्या में आने वाले यात्रियों की तुलना में कुर्सियों की संख्या काफी कम है। इसलिए यात्री बसों के इंतजार में या तो घंटों खड़े रहते हैं या फिर मजूबरी में जमीन पर बैठकर समय बिताते हैं। अधिकारी इन तमाम असुविधाओं से वाकिफ हैं, लेकिन सुधार पर किसी का ध्यान नहीं है।

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शौचालयों में सफाई और सुरक्षा बदहाल

सार्वजनिक शौचालय में साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता है। पुरुष शौचालय में बने यूरिनल के पॉट टूटे पड़े हैं। वहीं, महिला शौचालयों का पुरुष उपयोग करते हैं, महिलाएं इस शौचालय का उपयोग करने से कतराती हैं उसमें जो महिलाएं जाती भी हैं, उनके साथ भी कभी भी अनहोनी हो सकती है।

 
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