भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर देहरादून में पढ़ रहे 10 कश्मीरी छात्र
आईएमए की पासिंग ऑउट परेड से ठीक पहले देहरादून एक बार फिर से देशभर में सुर्खियों में है। सुर्खियों की वजह देहरादून स्थित पीजी कालेज ऑफ एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नालॉजी का बीएससी फाइनल का छात्र दानिश खान है। हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े दानिश ने बुधवार को पुलिस सेना और पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया था।
यह छात्र तराल, बारामूला और हंदवाड़ा के रहने वाले हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से एक-दूसरे को सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं। अक्सर मिलते-जुलते भी हैं।
सूत्रों के मुताबिक चिह्नित छात्रों के रोल मॉडल बुरहान वानी और सबजार अहमद हैं। बुरहान वानी 8 जुलाई 2016 को जम्मू में सेना के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। साथ ही सात आतंकी भी मारे गए थे।
वानी के एनकाउंटर के बाद जम्मू और कश्मीर में दंगे हुए और 51 लोग मारे गए। सबजार अहमद भी 27 मई को एनकाउंटर में मारा गया। दानिश खान सबजार के जनाजे में शामिल था। जनाजे के एक विडियो के आधार पर ही उसकी पहचान हुई।
आतंकी संगठन हिजबुल से जुड़े होने की खबर सामने आने के बाद दानिश फारूख को कालेज से निकला दिया गया है। वह पीजी कालेज ऑफ एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नालॉजी में बीएससी का छात्र था। कालेज के डायरेक्टर संजय चौधरी ने बताया कि जब तक उसे क्लीन चिट नहीं मिलती और वह उसका प्रमाण पत्र नहीं लाता उसे कालेज में घुसने नहीं दिया जाएगा।