भाजपा को ‘अपने’ से ही खतरा, पूर्व MLA गिरजा शंकर बिगाड़ सकते हैं खेल

सोहागपुर मध्य प्रदेश के हौशंगाबाद जिले में आता है. सोहागपुर को ब्रिटिश भारत में नवाब कवी हम जाफर अलवी के अधीन शासन गोंडवाना रियासत राज्य की राजधानी के लिए भी जाना जाता है. इस शहर को सुहागपुर-सोभागीपुर-शोनीतपुर से इसका नाम मिला. सोहागपुर में ब्राह्मण और गुर्जर प्रमुख हैं. इनकी संख्या 75 हजार से अधिक है. मीना, यादव और राजपूत भी करीब इतने ही हैं.

फिलहाल इस सीट पर बीजेपी का कब्जा  है. बीजेपी के विजयपाल सिंह यहां के विधायक हैं. उन्होंने 2013 के चुनाव में कांग्रेस के रणवीर सिंह गलचा को हराया था. विजयपाल सिंह को 92859 वोट मिले थे तो वहीं रणवीर सिंह को 63968 वोट मिले थे. विजयपाल सिंह ने 28 हजार से ज्यादा वोटों से कांग्रेस के उम्मीदवार को हराया था.

इससे पहले 2008 के चुनाव में भी विजयपाल सिंह ने जीत हासिल की  थी. उन्होंने इस बार भी कांग्रेस के ही रणवीर सिंह गलचा को हराया था. विजयपाल सिंह को 56578 वोट मिले थे तो वहीं कांग्रेस के रणवीर सिंह के 40037 वोट मिले  थे. दोनों के बीच हार जीत का अंतर 16 हजार से ज्यादा वोटों का था.

चुनाव होने में कम समय बचा है, बीजेपी और कांग्रेस के नेता टिकट की जुगाड़ में लग गए हैं. कांग्रेस की ओर से अशोक दुबे और सविता दीवान टिकट के प्रबल दावेदार हैं और बीजेपी की ओर से मौजूदा विधायक विजयपाल सिंह और हरि जयसवाल टिकट की रेस में आगे चल रहे हैं.

वहीं बीजेपी से निष्कासित पूर्व विधायक गिरजा शंकर कांग्रेस से टिकट लेने की जुगाड़ में हैं. हालांकि पार्टी ने उनको अब तक शामिल नहीं किया है. और ऐसे में हो सकता है वह निर्दलीय चुनाव में उतरें.

2013 के चुनावी नतीजे

 मध्य प्रदेश में कुल 231 विधानसभा सीटें हैं. 230 सीटों पर चुनाव होते हैं जबकि एक सदस्य को मनोनीत किया जाता है. 2013 के चुनाव में बीजेपी को 165, कांग्रेस को 58, बसपा को 4 और अन्य को तीन सीटें मिली थीं.

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