भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के साथ हुई घटना ने VIP सुरक्षा पर खड़े किए कई सवाल

कार्यकर्ताओं का अति उत्साह माननीयों की सुरक्षा-व्यवस्था में बड़ा खतरा पैदा करता है। ऐसी परिस्थितियों में पुलिस की चुनौती और बढ़ जाती है। कई बार पुलिस चाह कर भी कार्यकर्ताओं की भीड़ दूर नहीं कर पाती और ऐसे में सुरक्षा में चूक की आशंका कई गुना बढ़ जाती है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के साथ हुई घटना इसका उदाहरण है।

स्वतंत्र देव सिंह सोमवार को मुजफ्फरनगर एक कार्यक्रम में पहुंचे थे, जहां स्वागत के दौरान भीड़भाड़ और धक्कामुक्की में उनके दायें हाथ की एक अंगुली डीसीएम के डाले में फंसकर कट गई। इस घटना से कई ऐसे आयोजनों पर भी सवाल उठ रहे हैं, जब अतिउत्साह में किसी वीआइपी के स्वागत में कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मंच पर चढ़ जाते हैं अथवा ‘माननीय’ के वाहन को ही घेर लेते हैं और पुलिस लाचार नजर आती है। बीते दिनों लोकसभा चुनाव के दौरान लखनऊ में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी के रोड-शो के दौरान भी ऐसी ही अव्यवस्था हुई थी।

सुरक्षा मुख्यालय से प्रदेश में करीब 100 माननीयों को जेड प्लस से लेकर एक्स श्रेणी व अन्य प्रकार की सुरक्षा उपलब्ध है। जिला पुलिस की संस्तुति पर किसी वीआइपी अथवा व्यक्ति को तथा कोर्ट के आदेश पर भी सुरक्षा मुख्यालय ने कई लोगों को सुरक्षा प्रदान की है। बाहर से आने वाले ‘माननीयों’ को भी सुरक्षा दी जाती है, लेकिन किसी जिले में पहुंचने पर भीड़ नियंत्रण के लिए स्थानीय पुलिस अलग से लगाना पड़ता है।

एडीजी कानून-व्यवस्था पीवी रामाशास्त्री का कहना है कि वीआइपी की सुरक्षा के अलग-अलग मानक तय हैं, जिनके अनुरूप जिला पुलिस को उनके अनुपालन के निर्देश दिये जाते हैं। मुजफ्फरनगर में हुई घटना की रिपोर्ट आने पर सुरक्षा मुख्यालय स्तर पर उसकी समीक्षा कराई जाएगी। डीजीपी ओपी सिंह का भी कहना है कि घटना किन परिस्थितियों में हुई, इसका अध्ययन कराया जायेगा और उसके अनुरूप आगे की व्यवस्था की जायेगी।

…और सक्रिय हो गए स्वतंत्रदेव सिंह

मुजफ्फरनगर में घायल होने के बाद मंगलवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वतंत्र देव सिंह हेलीकाप्टर से लखनऊ लौटे। स्वतंत्र देव ने ट्वीट किया था कि वह शीघ्र ही संगठन के कार्य को आगे बढ़ाएंगे, लेकिन शाम तक वह भाजपा मुख्यालय जाने से खुद को रोक नहीं सके। भाजपा मुख्यालय में उन्होंने क्षेत्रीय अध्यक्षों के साथ एक बैठक भी की। यद्यपि हादसे की वजह से भाजपा मुख्यालय में आयोजित होने वाली चार बैठकों में दो स्थगित कर दी गई थीं।

मुख्यमंत्री से उनके सरकारी आवास पर की मुलाकात 

स्वतंत्र देव ने रात को रूस से लौटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी आवास पर भी जाकर मुलाकात की और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। दुर्घटना के बारे में भी उन्होंने विस्तार से बताया। इसके पहले सुबह अमौसी हवाई अड्डे पर स्वतंत्र देव को रिसीव करने के लिए गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा पहुंचे थे। हवाई अड्डे से वह गौतमपल्ली स्थित अपने सरकारी बंगले पर चले गए। वहां उनके आने की खबर सुनकर समर्थकों को तांता लग गया। इस बीच स्वतंत्रदेव ने ट्वीट किया ‘कल मुजफ्फरनगर में हुई छोटी सी दुर्घटना में हाथ में चोट आ गयी थी। ईश्वर की कृपा और आप सबके आशीर्वाद से अब सुरक्षित और स्वस्थ हूं। बहुत जल्द आप सबके बीच उपस्थित होकर संगठन कार्य को आगे बढ़ाऊंगा।’

बन सकती है वैसी ही अंगुली लेकिन जान नहीं होगी

अंगुली अगर कट जाए और समय पर कटे अंग के साथ चिकित्सक के पास पहुंच जाएं तो अंगुली जोड़ी जा सकती है, लेकिन स्वतंत्र देव के मामले में ऐसा नहीं हो सका। अंगुली इतनी कुचल गई थी कि जोड़ना संभव नहीं था। डॉक्टरों का कहना है कि वैसी अंगुली बन तो सकती है, लेकिन कृत्रिम होने की वजह से जान नहीं होगी। केजीएमयू के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. एके सिंह ने बताया कि जख्म भरने के बाद ही कृत्रिम अंगुली लग सकेगी। लिंब सेंटर के डॉ. अनिल गुप्ता ने बताया कि कॉस्मेटिक अंगुली देखने में तो वास्तविक अंगुली जैसी ही होगी, पर उसमें सेंसेशन नहीं होगा। घाव भरने के बाद ही यह लगाई जा सकती है।

कॉस्मेटिक अंगुली दो तरह से लगाई जा सकती है। एक सिलिकॉन की है जो देखने में हूबहू असली जैसी होगी। इसकी लागत आठ से दस हजार रुपये तक होगी। यह दिन में गोंद से चिपकाई जाती है और रात में सोने से पहले निकालकर रख दी जाती है। वहीं लिंब सेंटर में कॉस्मेटिक ग्लव्स लगाए जाते हैं। इसमें कॉस्मेटिक अंगुली को दस्ताने से जोड़ा जाता है। इसकी कीमत लगभग 200 रुपये है।

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