भक्तिभाव व प्रार्थना से ही संभव है मानव का विकास -डा. भारती गांधी

सी.एम.एस. गोमती नगर ऑडिटोरियम में विश्व एकता सत्संग

लखनऊ : सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर ऑडिटोरियम में आयोजित विश्व एकता सत्संग में बोलते हुए बहाई धर्मानुयायी, प्रख्यात शिक्षाविद् व सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका डा. भारती गांधी ने कहा कि मनुष्य की आत्मा विवेकपूर्ण होती है जो कि ईश्वर की आज्ञा समझने में सक्षम है। यदि वह ईश्वर के अवतारों को पहचानकर उनके आदेशानुसार चले तो प्रेम, शान्ति एवं एकता का विकास होगा। इससे दुनिया से लड़ाईयां बन्द हो जायेंगी और एकता व शान्ति का वातावरण बनेगा। डा. गाँधी ने आगे कहा कि प्रत्येक युग की आवश्यकताओं व समस्याओं के अनुसार ही उस युग की शिक्षायें होती हैं। आज की आवश्यकता यह है कि एक ही छत के नीचे सभी धर्मों की प्रार्थना की जानी चाहिए। सभी धर्म एक ही ईश्वर को पाने के विभिन्न रास्ते हैं तथापि धर्म की मूल शिक्षा व आध्यात्मिक ज्ञान सदैव शाश्वत व एक ही रहता है।

विश्व एकता सत्संग में आज वाराणसी से पधारे श्री प्रतीक चैतन्य ने संगीत के माध्यम से उपस्थित सत्संग प्रेमियों को ‘ध्यान’ क्रिया के महत्व से अवगत कराया। श्री चैतन्य ने कबीर, मीरा व हरिवंश राय बच्चन के गीतों द्वारा ध्यान का अर्थ एवं महत्व समझाया। उनके गीतों ने उपस्थित सत्संग प्रेमियों को सुखद अनुभूति करायी। इसके अलावा, विश्व एकता सत्संग में आज सी.एम.एस. चौक कैम्पस के छात्रों ने एक से बढ़कर एक शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति से उपस्थित सत्संग प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। छात्रों ने स्कूल प्रार्थना से कार्यक्रम की शुरूआत करके ‘जस्टी कीप ट्रस्टिंग’ एवं ‘हरि मेरे घर को यह वर दो’ प्रार्थना गीत प्रस्तुत किये। इसके अलावा, छात्रों द्वारा प्रस्तुत कव्वाली एवं माताओं द्वारा प्रस्तुत समूह गीत ने भी खूब तालियां बटोरी। इस अवसर पर कई विद्वजनों ने सारगर्भित विचार व्यक्त किये। सत्संग का समापन संयोजिका श्रीमती वंदना गौड़ द्वारा धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।

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