बड़ा खुलासा: सिर्फ दो फीसद हिस्से में सबसे ज्यादा प्रदूषित है यमुना

नई दिल्ली। यमुना नदी के महज दो फीसद हिस्से में नदी का 76 फीसद प्रदूषण समाया है और यह हिस्सा दिल्ली में है। यह बात एनजीटी की ओर से गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कही है। कमेटी ने रिपोर्ट दिल्ली सरकार को सौंप दी है। समिति ने कहा है कि कई जगहों पर यमुना नदी नौ महीने तक सूखी रहती है। यमुना का पुनरुद्धार तब तक संभव नहीं, जब तक कि पानी का न्यूनतम प्रवाह सुनिश्चित नहीं किया जाता।

रिपोर्ट में कहा गया है कि यमुना के कुछ हिस्सों में इसका जलस्तर काफी छिछला है। दिल्ली में यमुना पल्ला से बदरपुर के बीच 54 किलोमीटर हिस्से से होकर गुजरती है। वजीराबाद से ओखला के बीच इसके 22 किलोमीटर हिस्से में नदी 76 फीसद प्रदूषण है, जो नदी की कुल लंबाई का सिर्फ दो फीसद है।

यमुनोत्री से प्रयागराज के संगम तक यमुना की लंबाई 1370 किलोमीटर है। वजीराबाद से ओखला के बीच के इस दो फीसद हिस्से में गैर शोधित औद्योगिक व सीवरेज का प्रवाह सबसे अधिक देखा जाता है।

समिति ने सुझाव दिया है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, और आईआईटी दिल्ली जैसे अन्य संस्थानों के विशेषज्ञों की टीम गठित की जाए, जो नदी को स्वच्छ बनाने के उपाय पर रिपोर्ट तैयार करे।

समिति ने एक ऐसे तंत्र की सिफारिश की है, जिसके तहत पल्ला व वजीराबाद में यमुना में पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए एक ऑनलाइन प्रणाली विकसित की जाए। इसके लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड संयुक्त रूप से काम करें। 

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