बुढ़ापे मे इन आदतों को अपनाकर रख सकते है आप अपना ख्याल

बुढापे से कितना भी बचा जाए, लेकिन कहीं न कहीं इसकी छाप नजर आ ही जाती है। लेकिन इसके असर को तो कम किया ही जा सकता है साथ ही इसे लंबे समय तक टाला भी जा सकता है। मगर इसके लिए आपको शारीरिक और मानसिक व्‍यायाम करने की जरूरत होती है। बुढ़ापे में इंसान की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर पड़ जाती है, पाचन सही नहीं रहता, हड्डियों और मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है और शरीर थकान से पीड़ित रहने लगता हैं।

बुढ़ापे मे इन आदतों को अपनाकर रख सकते है आप अपना ख्याल

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यह उम्र का ऐसा पड़ाव होता है जब शरीर की गतिविधि कम हो जाती है और अक्सर आप मधुमेह, ऑस्टियोपोरोसिस, गठिया, उच्च रक्तचाप या उच्च कोलेस्ट्रॉल जैसे चयापचय संबंधी विकारों का शिकार हो सकते हैं। इसका सबका मतलब यह नहीं है कि आपको कम खाना चाहिए बल्कि सही खान कम खाने से ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है। महिलाओं को बढ़ती उम्र में अपना ज्यादा ख़याल रखना चाहिए क्यूंकि रजोनिवृत्ति के कारण, कैल्शियम को अवशोषित करने की क्षमता कम होती है और वे जोड़ों में कमजोरी और फ्रैक्चर का आसानी से शिकार हो जाती हैं।खैर असमय बुढ़ापे से बचना चाहते है तो सबसे पहले अपने लिए संतुलित आहार का नियम बनाना बेहद जरूरी है। कभी जरुरत से ज्यादा मात्रा में भोजन नहीं करें, ऐसा करने से यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

आयुर्वेद में कहा गया है की भोजन करते समय आमाशय का एक तिहाई हिस्सा भरना चाहिए बाकि रिक्‍त रखना चाहिए जिससे अन्न का पाचन व्यवस्थित होता है। भोजन में विटामिन, प्रोटीन, खनिज तत्वों की भरपूर मात्रा होनी चाहिए, गरिष्ठ भोजन, तेल, घी, शर्करायुक्त पदार्थ को जीवन से एकदम दूर कर ले।

अगर आपका मानसिक स्वास्थ्य अच्छा नहीं है, तो मनुष्य कुंठित हो कर जीता है जिसकी वजह से बुढ़ापा भी जल्‍दी आता है। मानसिक तनाव को सभी रोगों की जड़ समझा जाता है। इसलिए आप तनाव मुक्त रहने के लिए अच्छे दोस्तों के साथ रहें, मधुर संगीत सुने, अच्छा साहित्य पढ़ें और खुद को व्यस्त रखे। फर्क आप खुद महसूस करंगे और बुढ़ापा आप से कोसो दूर नजर आएगा है। नियमित रूप से हल्का व्यायाम करते रहने से शरीर कई प्रकार के रोगों से दूर रहता है और शरीर भी फुर्तीला बना रहता है और तो और बुढ़ापे को दूर रखने में मदद भी मिलती है। सुबह खुली हवा में टहलना अच्‍छा व्यायाम है। सुबह की हवा में ऑक्सीजन की मात्रा अधिक होती है।

यह तो हम बेहतर जानते है कि डायबिटीज कई बीमारियों की जड़ है। इसीलिए डायबिटीज से बचने के लिए 55 की उम्र में संतुलित भोजन करें, इतना ही नहीं मीठा कम खाएं और समय-समय पर डायबिटीज का चेकअप भी करवाते रहें। इसके साथ ही ब्लड प्रेशर की भी नियमित जांच कराते रहना जरूरी है। बढ़ती उम्र में बीमारियों के बावजूद भी बिस्तर पर पड़े रहने की बजाय जाए आप व्यायाम, योगा, एक्सरसाइज और खासकर मॉर्निंग वॉक करके चुस्त़-दुरूस्त रह सकते है। उम्र बढ़ने के साथ ही जीवनशैली में बदलाव लाना भी बेहद जरूरी है और बढ़ती उम्र में शरीर को फिट, स्टाइलिश रखने के लिए उसका ख्याल रखना भी उतना ही जरूरी है।

दरअसल, बढ़ती उम्र के साथ शरीर की कार्यप्रणाली खासा प्रभावित होने लगती है। सिटी लाइफ जीने के लिए प्रतिदिन व्यायाम करना आवश्यक है तभी आप एक उम्र के बाद भी रहेंगे फिट और स्मार्ट। आइए जानें 55 के बाद भी फिट और स्मार्ट रहने के लिए क्या करें। बढ़ती उम्र के साथ याददाश्त कमजोर होना या दिमाग की कार्यप्रणाली पर प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है, लेकिन आप चाहे तो 55 से अधिक उम्र होने पर भी इस कमजोरी को रोक सकते हैं या फिर इसमें कमी कर सकते हैं।

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