शहीद जवान मोजाहिद के के लिए जुटी भीड़, लेकिन नहीं पहुंचा कोई मंत्री-नेता
जम्मू कश्मीर के करन नगर जिले में CRPF कैंप पर आतंकी हमले में भारतीय जवान मोजाहिद खान शहीद हो गए। बुधवार सुबह उनका पार्थिव शरीर उनके गृह नगर आरा (बिहार) पहुंचा। शहीद के अंतिम दर्शन के लिए मोजाहिद खान के घर पर हजारों लोगों की भीड़ जुट गई। 49वीं बटालियन के जवान ने देश की रक्षा करते हुए अपनी जान दांव पर लगा दी लेकिन उनके अंतिम दर्शन के लिए न तो किसी सियासतदान ने सुध ली और न ही वहां उनका नुमाइंदा पहुंचा।
इलाके के विधायक जरूर शहीद के घर पहुंचे थे लेकिन उस वक्त तक शहीद का पार्थिव शरीर उनके घर नहीं लाया गया था। नेताओं के इस व्यवहार से मोजाहिद के परिजनों और स्थानीय लोगों में नाराजगी है। उनका कहना है कि देश के लिए जान देने वाले वीर जवान के लिए सांसदों और जन प्रतिनिधियों के पास समय नहीं है। हालांकि इलाके के एसडीओ पार्थिव शरीर के साथ परिवार वालों से मिलने पहुंचे थे।
तेजस्वी ने साधा निशाना
शहीद होने के दो घंटे पहले हुई थी परिवार से बात
शहीद जवान मोजाहिद ने सोमवार सुबह 9.30 बजे अपने परिवार से बात की थी। अपने मां, पिता और भाभी से बातचीत के दौरान मोजाहिद ने मुस्कुराते हुए बताया कि यहां गोलीबारी चल रही है, और कब क्या हो जाए, कहा नहीं जा सकता। मोजाहिद ने बात करने के दौरान यह कह कर फोन काट दिया था कि साहब का फोन आ रहा है। यहां गोली बारी हो रही है। मोजाहिद के बात करने के दो घंटे बाद परिवार के पास मैसेज आया कि मोजाहिद वीरगति को प्राप्त हो गया।