बिहार में महागठबंधन पर आया भूचाल, कांग्रेस में शामिल हो सकते है राजद के तीन पूर्व नेता

बिहार में जहां एक महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारें को लेकर माथापच्ची जारी है वहीं दूसरी ओर अब राजद के तीन पूर्व नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने की खबरें परवान चढ़ रही है। खबरों की मानें तो कांग्रेस पार्टी राजद के पूर्व नेता और सांसद पप्पू यादव, बाहुबली नेता आनंद लवली की पत्नी लवली आनंद और बाहुबली नेता अनंत सिंह को लोकसभा चुनाव में मौका दे सकती है। बिहार में महागठबंधन पर आया भूचाल, कांग्रेस में शामिल हो सकते है राजद के तीन पूर्व नेता

राजद ने इन खबरों को लेकर कांग्रेस के सामने असंतोष भी जाहिर कर दिया है। कांग्रेस की तरफ से लोकसभा चुनाव में राजद और कांग्रेस के बीच बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने की बात को लेकर भी विवाद की स्थिति बनती दिख रही है। कांग्रेस नेता श्याम सुंदर सिंह धीरज ने बराबर सीटों की बात कही थी जिस पर राजद ने पलटवार किया है। 

कोलकाता की रैली में सभी विपक्षी पार्टियों ने मोदी सरकार को हटाने की बात कही थी ऐसे में उत्तरप्रदेश की 80, महाराष्ट्र की 48, पश्चिम बंगाल की 42 और बिहार की 40 सीटें महत्वपूर्ण हो जाती है। पिछले चुनाव में भाजपा ने उत्तर प्रदेश में 71 और बिहार में 22 सीटें जीती थी। 

हाल ही में छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में भाजपा को चित करने वाली कांग्रेस पार्टी के हौसले बुलंद है और यही वजह है कि वह राजद के बराबर सीटें चाहती है। उत्तरप्रदेश में सपा-बसपा ने 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला करके कांग्रेस के लिए बस दो सीटें छोड़ी। राजद भी कांग्रेस की ज्यादा सीटों की मांग को मानती नहीं दिख रही है। 

जानकारों के मुताबिक सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती के साथ तेजस्वी की मुलाकात गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं होने और यह बताने का प्रयास थी कि कांग्रेस को बिहार में ज्यादा सीटों की उम्मीद छोड़ देनी चाहिए। 

दशकों बाद गांधी मैदान में होगी कांग्रेस कि रैली

तनाव की वजह से ही प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने तेजस्वी से मुलाकात की है। हालांकि शक्ति सिंह गोहिल ने किसी भी विवाद से इंकार करते हुए कहा कि तीनों पूर्व राजद नेताओं के कांग्रेस में आने का फैसला राजद से विचार करके ही होगा। उन्होंने कहा कि महागठबंधन में कोई विवाद नहीं है।  हम सभी 40 सीटों पर मजबूती से लड़ेंगे और बिहार में सबसे ज्यादा सीटें जीतेंगे। 

माना जा रहा है कि राहुल गांधी के तीन फरवरी की रैली के बाद महागठबंधन बंटवारें को लेकर चर्चा हो सकती है।  दशकों बाद पटना के गांधी मैदान में होने वाली कांग्रेस की इस रैली को शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है। 

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