बिहार में चमकी बुखार से हुई बच्चों की मौतें, राष्ट्रीय जनता दल नेता बोले- शायद वह क्रिकेट विश्वकप देखने गए

बिहार में चमकी बुखार से हुई मौतों पर नीतीश सरकार के साथ विपक्ष भी घिरता जा रहा है. सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक हर कोई पूछ रहा है कि इस मुद्दे पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव चुप क्यों हैं. इस बीच राजद के सीनियर नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि मुझे नहीं पता तेजस्वी कहां हैं, शायद वह क्रिकेट विश्वकप देखने गए हैं, मुझे ज्यादा जानकारी नहीं हैं.

बुधवार को रघुवंश प्रसाद सिंह से पत्रकारों ने सवाल पूछा कि क्या सरकार के साथ विपक्ष की संवेदना मर गई है? अभी तक विपक्ष के नेता का बयान क्यों नहीं आया? इसका जवाब देते हुए रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि अब मुझे पता नहीं है कि वह (तेजस्वी) यहां हैं या नहीं, लेकिन हम अनुमान लगाते हैं कि वर्ल्डकप चल रहा है तो वह (तेजस्वी) वहीं गए होंगे. हम अनुमान लगाते हैं, कोई जानकारी नहीं है.

बिहार के मुजफ्फरपुर में मरने वाले बच्चों का आंकड़ा 113 तक जा पहुंचा है. आज यानी बुधवार को ही 4 बच्चों ने दम तोड़ा है, लेकिन लगता नहीं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आने से कोई फर्क पड़ा. ना दवा, ना सही इलाज. अब मसला कोर्ट पहुंच गया है. सोमवार को इस मसले पर सुनवाई होगी.

इसके अलावा बिहार में लू का भी कहर जारी है. 90 लोग लू और गर्मी से दम तोड़ चुके हैं. मंगलवार को जब डिप्टी सीएम सुशील मोदी के साथ नीतीश कुमार श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल पहुंचे तो उन्हें लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने नीतीश वापस जाओ के नारे लगाए.  सीएम ने अस्पताल में भर्ती मरीजों और उनके तीमारदारों से मुलाकात की.

क्या है चमकी बुखार के लक्षण

ये एक संक्रामक बीमारी है. इस बीमारी के वायरस शरीर में पहुंचते ही खून में शामिल होकर अपना प्रजनन शुरू कर देते हैं. शरीर में इस वायरस की संख्या बढ़ने पर ये खून के साथ मिलकर व्यक्ति के दिमाग तक पहुंच जाते हैं. दिमाग में पहुंचने पर ये वायरस कोशिकाओं में सूजन पैदा कर देते हैं, जिसकी वजह से शरीर का ‘सेंट्रल नर्वस सिस्टम’ खराब हो जाता है. चमकी बुखार में बच्चे को लगातार तेज बुखार चढ़ा रहता है. बदन में ऐंठन के साथ बच्चा अपने दांत पर दांत चढ़ाए रहता हैं. शरीर में कमजोरी की वजह से बच्चा बार-बार बेहोश होता रहता है. शरीर में कंपन के साथ बार-बार झटके लगते रहते हैं. यहां तक कि शरीर भी सुन्न हो जाता है.

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