बारिश के मौसम में कोरोना को लेकर एक्सपर्ट ने की ये बड़ी भविष्यवाणी, कह दी ये बड़ी बात…

मॉनसून भारत पहुंच चुका है. मौसम विभाग ने इसकी पुष्टि भी कर दी है. अब देखना ये है कि कोरोना वायरस पर बारिश का कितना असर होगा? क्या साल 2020 की बारिश इस कोरोना वायरस को बहाकर अपने साथ ले जाएगी या इससे कोरोना वायरस की ताकत और बढ़ जाएगी. आइए जानते हैं कि कोरोना वायरस पर बारिश के असर को लेकर दुनिया भर के वैज्ञानिकों का क्या कहना है?

यूनिवर्सिटी ऑफ डेलावेयर की संक्रामक रोग विभाग की वैज्ञानिक जेनिफर होर्ने ने कहा है कि बारिश का पानी वायरस की सफाई नहीं कर सकता है. इससे वायरस फैलने और पनपने की रफ्तार भी धीमी नहीं होगी. यह उसी तरह है कि हाथ पानी से धोएंगे तो वायरस नहीं मरेगा, साबुन लगाना पड़ेगा.

अमेरिका की जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी में एप्लाइड फिजिक्स के साइंटिस्ट जेर्ड इवांस कहते हैं कि अभी यह पता नहीं है कि बारिश में कोरोना वायरस पर क्या असर होगा. हालांकि, अधिकतर साइंटिस्ट ये मानते हैं कि बारिश में नमी के कारण वायरस तीव्र हो जाता है.

बारिश की वजह से कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा. हालांकि, वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के ग्लोबल हेल्थ, मेडिसिन और एपिडिमियोलॉजी के प्रोफेसर जेई बेटेन कहते हैं कि बारिश कोरोना वायरस को डायल्यूट (घोलकर कमजोर कर देना) कर सकती है. जिस तरह धूल बारिश के पानी में घुलकर बह जाती है, वैसे ही यह वायरस भी बह सकता है.

वहीं, कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि बारिश साबुन की तरह पानी की सतह को डिसइंफेक्ट करने में सक्षम नहीं है. यह उसी तरह है कि हाथ पानी से धोएंगे तो वायरस नहीं मरेगा, लेकिन उसे मारने के लिए आपको हाथ में साबुन लगाना पड़ेगा.

यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड के मुताबिक, कोरोना के ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिनमें 17 दिनों के बाद भई सतह पर कोरोना वायरस मिला है. ऐसे में ये कहना मुश्किल है कि बारिश से किसी सतह, मैदान या कुर्सी पर लगा वायरस खत्म हो जाएगा.

दुनियाभर के एक्सपर्ट की लोगों से अपील है कि वे बारिश के मौसम में कोरोना वायरस को लेकर अतिरिक्त सावधानी बरतें. क्योंकि नमी के कारण हवा में कोरोनावायरस काफी देर तक तैर सकता है. इससे संक्रमण का खतरा तेजी से बढ़ सकता है.

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