बसपा सुप्रीमो मायावती ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के लिए कांग्रेस और BJP को ठहराया जिम्मेदार

बसपा सुप्रीमो मायावती ने 10 सितम्बर को पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर भारत बंद पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों पर निशाना साधा. उन्होंने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार की गलत आर्थिक नीतियों को केंद्र की मोदी सरकार ने आगे बढ़ाया, जिसकी वजह से आज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बेतहाशा इजाफा हुआ है.

लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों को सरकारी नियंत्रण से बाहर रखने की शुरुआय कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए 2 की सरकार में हुई. 2014 में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए की सरकार ने कांग्रेस की इस गलत आर्थिक नीतियों को आगे बढ़ाया. मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी केंद्र सरकार के इस तर्क के पक्ष में भी नहीं है कि तेल कीमतों का नियंत्रण उसके पक्ष में नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार चाहे तो पेट्रोल-डीजल की कीमतों को सरकारी नियंत्रण में कर सकती है.

उन्होंने कहा कि यूपीए 2 की गलत नीतियों की वजह से ही जनता ने उसे सत्ता से उखाड़ फेंका था. अब उसी राह पर केंद्र की मोदी सरकार भी है. जनता आने वाले चुनावों में इन्हें भी सबक सिखाएगी.

मायावती ने कांग्रेस द्वारा बुलाए गए भारत बंद से दूरी पर भी सफाई देते हुए कहा कि उनकी पार्ट सर्वसमाज के गरीबों, दलितों, पिछड़ों व अल्पसंख्यकों के हितों की लड़ाई लडती है. उसके विरोध का तरीका भी अलग होता है. भारत बंद के दौरान कुछ राज्यों में हिंसा हुई. जिसका बसपा समर्थन नहीं करती. बसपा के विरोध से आम जनता को परेशानी नहीं होती.

केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए मायावती ने कहा कि केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकार पूंजीपतियों की बदौलत आई. अब चुनावी साल में भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों को कम न करके केंद्र सरकार अपने कुछ पूंजीपति साथियों को फायदा पहुंचाना चाहती है. उन्होंने कहा कि बीजेपी को लगता है कि वह एक बार फिर अपने पूंजीपति साथियों के बदौलत सत्ता हासिल कर लेगी.

मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों की वजह से ही आज महंगाई, बेरोजगारी और देश में आर्थिक अव्यस्था के हालात पैदा हो गए हैं. उन्होंने नोटबंदी को लेकर भी केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि इससे कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने का काम किया गया.

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