बसपा के पूर्व विधायक का विवादित बयान, साधना सिंह का सर काटने वाले को 50 लाख इनाम देने की घोषणा की

बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की मुखिया मायावती पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की महिला विधायक साधना सिंह द्वारा अभ्रद टिप्पणी मामले में खेद जताए जाने के बावजूद विवाद थमता नजर नहीं आ रहा. अब बीएसपी के पूर्व विधायक विजय यादव ने अपनी नेता के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणी करने वाली बीजेपी विधायक का सिर कलम करने वाले को 50 लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की है.बसपा के पूर्व विधायक का विवादित बयान, साधना सिंह का सर काटने वाले को 50 लाख इनाम देने की घोषणा की

बीएसपी के पूर्व विधायक विजय यादव ने कहा है कि अगर साधना सिंह मायावती और देश की महिलाओं से माफी नहीं मांगती हैं तो हम देश भर में प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने कहा कि वे अपने समर्थकों के साथ मिलकर पैसा इकट्ठा करेंगे और उनका (साधना सिंह) सिर कलम कर लाने वाले व्यक्ति को 50 लाख का इनाम देंगे. बीएसपी नेता का यह विवादित बयान उत्तर प्रदेश की मुगलसराय से बीजेपी विधायक साधना सिंह के उस बयान के बाद आया जिसमें उन्होंने कहा  था कि बीएसपी सुप्रीमो ने लखनऊ गेस्ट हाउस कांड में शामिल पार्टी से हाथ मिलाकर नारी जाति को कलंकित किया है. उन्होंने कहा था कि मायावती ने सत्ता सुख के लिए अपने आत्मसम्मान का सौदा किया. साधना सिंह ने कहा था कि मायावती न नर लगती हैं, न नारी लगती हैं, बल्कि वो तो किन्नरों से भी बदतर हैं.  

बीजेपी की महिला विधायक द्वारा इस आपत्तिजनक टिप्पणी की चौतरफा निंदा हुई थी. बीएसपी के राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा था कि सपा-बसपा गठबंधन के बाद बीजेपी नेताओं ने अपना दिमागी संतुलन खो दिया है. इस तरह की शब्दों का प्रयोग बीजेपी का स्तर दिखाता है. तो वहीं यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री ने इस बयान पर आपत्ति जाहिर करते हुए ट्वीट में लिखा, “मुगलसराय से भाजपा की महिला विधायक ने जिस तरह के आपत्तिजनक अपशब्द सुश्री मायावती जी के लिए प्रयोग किए हैं वे घोर निंदनीय हैं. ये भाजपा के नैतिक दिवालियापन और हताशा का प्रतीक है. ये देश की महिलाओं का भी अपमान है.”

अपनी नेता पर की गई अभद्र टिप्पणी से नाराज बीएसपी कार्यकर्ताओं ने चंदौली जिले के बबुरी थाने में बीजेपी विधायक साधना सिंह के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई. जिसके फौरन बाद बीजेपी विधायक ने खेद प्रकट करते हुए कहा कि उनका मकसद किसी का अपमान करना नहीं था. वो मायावती को सिर्फ ये याद दिलाना चाहती थीं कि 1995 के गेस्ट हाउस कांड में बीजेपी नेताओं ने ही उनकी मदद की थी.

गौरतलब है यूपी की मुलायम सिंह यादव सरकार से समर्थन वापसी के बाद 2 जून 1995 को लखनऊ स्थित मीराबाई गेस्ट हाउस में समाजवादी पार्टी के नेताओं ने मायावती पर हमला किया था. समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी में इसकी टीस काफी सालों तक रही. लेकिन सपा में अखिलेश यादव की ताजपोशी के बाद दोनों दलों के रिश्तों में सुधार आया और दोनों नेताओं ने आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए गठबंधन कर लिया.

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