बनाए रखें बच्चों की दिमागी तंदरुस्ती

mentalhealth_20151024_131535_23_10_2015शारीरिक तंदरुस्ती बनाए रखने के लिए दिमाग का स्वस्थ होना भी उतना ही जरूरी है। खासकर बच्चों की दिमागी सेहत। बढ़ती उम्र में सही रूप में संपूर्ण विकास इसी बात पर निर्भर करता है कि बच्चा मानसिक और शारीरिक दोनों रूपों में स्वस्थ हो। बचपन में होने वाली कुछ ऐसी दिमागी परेशानियां हैं जो बच्चे के पूरे व्यक्तित्व को प्रभावित करने काम काम करती हैं। उनमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं :

एडीएचडी: हर व्यक्ति के जीवन में कभी ना कभी ऐसी परिस्थितियां होती हैं, जिसमें वह स्थिर नहीं रह पाता है। इस तरह लगातार बनी रहने वाली न्यूरोडेवलपमेंटल कंडीशन को एडीएचडी कहते हैं, यानी अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर।

बच्चे इस प्रकार होते हैं प्रभावित

  • एक्टिविटी के स्तर को नियंत्रित करते हैं
  • अवरोध पैदा करने वाला व्यवहार
  • ध्यान केंद्रित नहीं कर पाना
  • स्कूल जाने वाले बच्चों में
  • हाइपरएक्टिव बच्चे बिना रुके गोलाकार दौड़ लगाते हैं
  • लोगों को या सामान पर बेवजह टक्कर मारते हैं
  • ऐसे बच्चों पर लगातार ध्यान रखने की जरूरत है कि वो खुद को नुकसान ना पहुंचा लें, लगातार सवाल पूछते रहते हैं
  • ये थोड़े भी समय के लिए ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते
  • लंबे समय तक चलने वाली किसी भी एक्टिविटी पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते

ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर

ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर यानी एएसडी कुछ खास प्रकार के व्यवहारिक और विकासात्मक समस्याओं और चुनौतियों का एक सेट होता है। इससे बच्चों के बोलने, सामाजिक और खेलकूद की योग्यता प्रभावित होती है। इस बीमारी में स्पेक्ट्रम शब्द का मतलब है, हरेक बच्चा विशेष होता है और उनमें लक्षणों का कॉम्बिनेशन अलग-अलग हो सकता है।

ये होते हैं एएसडी के लक्षण

  • बच्चे का नाम पुकारने पर वह उसके प्रति अधिक प्रतिक्रिया नहीं देता
  • खिलौनों के साथ अलग तरीके से खेलने में दिलचस्पी कम ही दिखाते हैं
  • किसी और का अटेंशन पाने की इनकी इच्छा कम ही रहती है
  • अपनी पसंदीदा चीजों के बारे में लोगों से कम ही शेयर करते हैं
  • बात-बात पर मूड खराब हो जाना, चिड़चिड़ाहट
  • उसके साथ खेल रहे बच्चों के प्रति या किसी व्यक्ति की बात पर प्रतिक्रिया कम हीं देते हैं
  • लोगों से आई कॉन्टैक्ट करने में परेशानी महसूस होती है

एएसडी से पीड़ित बच्चों का दिमाग

  • यह कोई मानसिक बीमारी नहीं है
  • ये बिगड़ैल बच्चे नहीं होते हैं, जिन्हें लोगों के
  • सामने बुरे तरीके से पेश आना पसंद होता है
  • एएसडी के लिए खराब पैरेंटिंग जिम्मेदार नहीं होती है
  • बिना किसी वजह के उदास हो जाना
  • चिड़चिड़ाहट या गुस्से में होना
  • लगातार रोना
  • ध्यान केंद्रित नहीं कर पाना
  • आत्मविश्वास की कमी
  • सामान्य से अधिक या कम सोना
  • थकान या लगातार ऊर्जा का अभाव
  • दोस्तों से घुलना-मिलना कम कर देना
  • संवाद कम कर देना
  • भूख के पैटर्न में बदलाव
  • असफलता पर अत्यधिक संवेदनशील हो जाना
  • वजन का अत्यधिक बढ़ जाना या कम हो जाना
  • पसंदीदा गतिविधियों में दिलचस्पी न होना
  • लगातार सिरदर्द और पेटदर्द होना
  • आत्महत्या के बारे में सोचना
 
 
 

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