बजट न मिलने के कारण उधार में चल रही सरकारी स्कूलों की दुग्ध योजना
राजस्थान सरकार ने बच्चों को पोषक आहार मिले इसी को लेकर सरकारी स्कूलों में दुग्ध योजना का आगाज किया था. लेकिन योजना के तहत डूंगरपुर जिले की स्कूलों को समय पर बजट आवंटित नहीं होने से अब संस्था प्रधान मजबूरी में दूध योजना को उधारी में चला रहे है. शिक्षा विभाग की आपस के सामंजस्य के आभाव में प्रदेश के डूंगरपुर जिले में पिछले 3 महीने से 2 करोड़ से अधिक का बजट बकाया चल रहा है जिसके चलते 2 लाख से अधिक बच्चे उधारी का दूध पी रहे है.
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने जुलाई के महीने मे प्रदेश भर में दुग्ध योजना का शुभारम्भ किया था. जिसके तहत विभाग ने जुलाई महीने के लिए दूध का बजट स्कूलों को जारी कर दिया था. लेकिन इसके बाद शिक्षा विभाग की ओर से कोई बजट नहीं दिया गया और जिसके कारण योजना अब उधारी पर ही चल रही है. डूंगरपुर जिले में दुग्ध योजना के तहत कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों पर प्रतिदिन 20 हजार लीटर दूध खर्च होता है. वहीं उच्च प्राथमिक स्कूल में 16 हजार लीटर दूध प्रतिदिन खर्च होता है.
जिससे प्रदेश में प्रतिदिन 36 हजार लीटर दूध खर्च होता है. ऐसे में कई ब्लॉक्स में 3 तो कई ब्लॉक्स में 2 महीने से दूध के लिए बजट आवंटन नहीं हुआ है. स्कूल के अधिकतर संस्था प्रधान ने बजट सम्बंधित डिमांड पीईईओ को भिजवा भी दी है लेकिन बजट नहीं मिलने से उधारी में बच्चो को दूध पिलाया जा रहा है. खबरों की मानें तो प्रदेश के हर जिले में ऐसे ही हालात हैं.
इधर समय पर स्कूलों को योजना के तहत बजट नहीं मिलने के मामले में शिक्षकों का कहना है की समय पर बजट नहीं मिलने से सम्बंधित शिक्षक को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. उनका कहना है की क्षेत्र में वैसे भी दूध की कमी है जैसे तैसे करके शिक्षक स्कूलों में दूध की व्यवस्था करते है लेकिन अब समय पर दूध का भुगतान नहीं होने से दूध बेचने वाले लोग बार-बार उन्हें राशि के लिए परेशान करते है.
वहीं दूध योजना के भुगतान में हो रही देरी पर जब प्राथभिक शिक्षा विभाग की मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने कहा की सही समय सही सूचनाएं नहीं आने के कारण अभी तक बजट का आवंटन नहीं हो पाया है. जिला शिक्षा अधिकारी ने 3 दिनों के भीतर स्कूलों को बजट आवंटन करने का आश्वासन दिया है.