बच नहीं पाएंगे बड़े बकायेदार, कर्ज वसूली का तैयार हुआ फार्मूला

नई दिल्ली। सरकारी बैंकों की फंसे कर्जे (एनपीए) की समस्या के समाधान के लिए केंद्र सरकार ने जो अस्त्र तैयार किया है, उसका परीक्षण होना अब शुरू हो जाएगा।

बच नहीं पाएंगे बड़े बकायेदार, कर्ज वसूली का तैयार हुआ फार्मूला

रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय के बीच अगले हफ्ते होने वाली बैठक में तकरीबन एक दर्जन ऐसे एनपीए खाताधारकों से कर्ज वसूली का फार्मूला तैयार किया गया है, जो अभी तक तमाम कोशिशों के बावजूद कर्ज नहीं लौटा रहे थे। केंद्रीय बैैंक की यह योजना सफल हो गई, तो सरकारी बैंकों के सर से तकरीबन एक लाख करोड़ रुपये के एनपीए का बोझ कम हो सकता है।

केंद्र सरकार ने मई के पहले हफ्ते में एनपीए की समस्या दूर करने के लिए एक अध्यादेश जारी किया था। इसके तहत बड़े एनपीए खाताधारकों से कर्ज वसूली के लिए नया फार्मूला आजमाने की व्यवस्था है। इसके तहत 50 बड़े खाताधारकों से कर्ज वसूली का फार्मूला बैंकों को तैयार करने के लिए कहा गया है। इस सूची में शामिल हर एनपीए खाता से कर्ज वसूली के लिए फार्मूला तैयार करने की जिम्मेदारी बैंकों को दी गई है।

 बैंक यह फार्मूला बनाकर आरबीआइ को देंगे। आरबीआइ इस फार्मूले पर अंतिम फैसला करने के लिए एक विशेष समिति का गठन करेगी। समिति के गठन की प्रक्रिया जारी है, लेकिन इस बीच पुराने फंसे बड़े कर्जे का भार कम करने की कोशिश भी शुरू हो गई है। इसके तहत ही पिछले दिनों रिलायंस कम्यूनिकेशंस पर बकाये कर्ज के भुगतान का रोडमैप लागू किया गया।

कुल एनपीए 6.7 लाख करोड़

वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक स्टील, रत्न व आभूषण और बिजली क्षेत्र की तीन बड़ी कंपनियों से भी बकाया कर्ज वसूलने की तैयारी है।
सरकार के ताजे आंकड़े बताते हैं कि सितंबर, 2016 को समाप्त तिमाही तक सरकारी बैंकों का कुल एनपीए 6.7 लाख करोड़ रुपये का हो गया था।

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मूडीज, स्टैैंडर्ड एंड पुअर्स, मेरिल लिंच समेत कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने इस स्तर को भारत की अर्थव्यवस्था के लिए खतरनाक बताया है।

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