बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है इस तरह का सांस देना

अगर बच्चों में मुंह से सांस लेने की आदत पड़ जाए, तो यह उनके लिए नुक्सानदायक हो सकता है। ऐसा होने पर बच्चे को मुंह के सूखेपन की समस्या हो सकती है। दरअसल जब बच्चे मुंह से सांस लेते हैं, तो हवा उनके पूरे मुंह से गुजरती है और अपने साथ मॉइश्चर (नमी) को भी ले जाती है, जबकि मुंह को बैक्टीरिया से बचाने के लिए आपके मुंह में सलाइवा (थूक) की पर्याप्त मात्रा बेहद जरूरी है।

सलाइवा की कमी के कारण मुंह की कई समस्याएं जैसे- कैविटीज, दांतों का इन्फैक्शन, सांसों की बदबू आदि हो सकती हैं। बच्चे के चेहरे और दांतों का शेप भी बिगड़ सकता है। जब बच्चा लंबे समय तक मुंह से सांस लेता है, तो उसके रूप में ये परिवर्तन हो सकते हैं। चेहरा पतला और लंबा हो सकता है, दांत आड़े-टेढ़े हो सकते हैं।

विशेषज्ञों के मुताबिक मुंह से सांस लेने के दौरान सही मात्रा में ऑक्सीजन शरीर में नहीं पहुंच पाती है, जिसके कारण धमनियों में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है। ऑक्सीजन की कमी उसे हाई ब्लड प्रैशर और दिल की बीमारियों का शिकार बना सकती है। इसके अलावा बच्चे को अनिद्रा की समस्या भी हो सकती है।

आमतौर पर जो लोग मुंह से सांस लेते हैं, उन्हें अच्छी नींद नहीं आती है, जिसके कारण उनका शरीर सोने के बाद भी थका हुआ रहता है। कम नींद लेने से दिमाग कमजोर होता है और कई तरह की शारीरिक समस्याएं और खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं।

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