फिल्म उद्योग की कथित आलोचना पर संसद में जया बच्चन ने क्या कहा ?

जुबिली न्यूज डेस्क
संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन समाजवादी पार्टी की सदस्य जया बच्चन ने फिल्म उद्योग की कथित आलोचना पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा कि देश में किसी भी संकट के दौरान फिल्म उद्योग सहायता के लिए सबसे आगे रहा है। फिल्म उद्योग आलोचना का नहीं बल्कि सराहना का हकदार है।

शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए जया बच्चन ने कहा कि बड़े दुख की बात है कि कुछ लोग जिस थाली में खाते हैं, उसी थाली में छेद करते हैं। महज कुछ लोगों की वजह से आज मनोरंजन उद्योग आलोचना का शिकार हो रहा है जो हर दिन करीब पांच लाख लोगों को प्रत्यक्ष और करीब 50 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार देता है।
जया ने आगे कहा कि तालाबंदी के दौरान कुछ ऐसे हालात हुए कि मनोरंजन जगत सोशल मीडिया पर बुरी तरह आलोचना का शिकार होने लगा और उसे ‘गटर’ कहा जाने लगा। “यह सही नहीं है। ऐसी भाषा पर रोक लगाई जानी चाहिए ।”
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समाजवादी पार्टी सांसद जया बच्चन ने कहा, जिन लोगों ने फिल्म इंडस्ट्री में अपना नाम बनाया है, उन्होंने इसे गटर बुलाया, मैं पूरी तरह इससे असहमत हूं। मैं उम्मीद करती हूं कि सरकार इन लोगों को बताए जिन्होंने इससे अपना नाम और प्रसिद्धि कमाई कि ऐसी भाषा का इस्तेमाल करना बंद करें।
वह आगे बोलीं- मैं बहुत शर्मिंदा थी कि कल हमारे एक सांसद ने लोकसभा में फिल्म इंडस्ट्री के खिलाफ बोला, जो खुद इंडस्ट्री से हैं। ये शर्म की बात है, ‘जिस थाली में खाते हैं उसमें छेद करते हैं।’ गलत बात है, इंडस्ट्री को सरकार का समर्थन चाहिए।

राज्यसभा सदस्य ने कहा कि “जब भी देश पर कोई संकट आया है मदद के लिए फिल्म इंडस्ट्री हमेशा खड़ी रही है। राष्ट्रीय आपदा के दौरान इस उद्योग ने हरसंभव मदद की है। यहां अत्यधिक कर देने वाले लोग रहते हैं। इस उद्योग ने अपना एक नाम और पहचान अपने बूते हासिल किया है। ”
जया बच्चन ने कहा कि सोमवार को दूसरे सदन में एक सदस्य ने फिल्म उद्योग के खिलाफ बोला, जो पीडादायी था। उन्होंने कहा “इस उद्योग के खिलाफ आज जिस भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है वह पूरी तरह गलत है। उस पर रोक लगनी चाहिए।”
इस मुद्दे से विभिन्न दलों के सदस्यों ने स्वयं को संबद्ध किया। बीजेपी के डा विकास महात्मे ने एक वेबसीरीज में भारतीय इतिहास की विदुषी अहिल्याबाई होल्कर को कथित तौर पर अपमानित किए जाने का मुद्दा उठाया और सरकार से मांग की कि वेब सीरीज के नियमन के लिए कानून बनाया जाए।
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महात्मे ने कहा ” वर्जिन भास्कर नामक इस वेब सीरीज में अहिल्याबाई होल्कर को अपमाननजक तरीके से चित्रित किया गया जिससे पूरे समाज में रोष है। विवाद बढने पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर के हस्तक्षेप से विवादित हिस्सा निकाल दिया गया।”
उन्होंने कहा कि नाटकों और ड्रामों के लिए नियम हैं और अनुमति की जरूरत होती है लेकिन वेबसीरीज के लिए ऐसा नहीं है जबकि ज्यादातर सीरीज में असयंमित भाषा का उपयोग होता है। इस पर रोक लगाई जानी चाहिए और इसके लिए सरकार को एक कानून बनाना चाहिए।” कई सदस्यों ने इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया।

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