फंक्शनल फ्लैप से प्लास्टिक सर्जरी कर बांह को काम करने लायक बनाया

हाथ कुचलने से कम्‍पाउंड फ्रैक्‍चर के साथ हड्डी तक मांस हो गया था गायब
धर्मवीर                                                            डॉ नीरज उपाध्याय
लखनऊ। शरीर के उस अंग में, जहां मूवमेंट को बरकरार रखते हुए घाव को भरना है, उसकी प्‍लास्टिक सर्जरी बहुत ही चुनौती पूर्ण होती है, लेकिन हमें संतुष्टि है कि धर्मवीर अब दुर्घटना में सड़ चुके अपने हाथ और मांसरहित हड्डी की स्थिति से छुटकारा पा चुका है। अब उसका 90 डिग्री तक उठने में सक्षम हो चुका हाथ सर्जरी की सफलता को बयां कर रहा है। मरीज के हाथ में यह फ्लैप (functional Islanded pectoralis major myocutaneous flap) उसकी छाती से लेकर लगाया गया है।
 
यह जानकारी यहां आलमबाग स्थित अजंता हॉस्पिटल के सुपर स्‍पेशियलिस्‍ट डॉ नीरज उपाध्‍याय ने मरीज के चेकअप के बाद एक विशेष मुलाकात में बतायी। आपको बता दें कि बीती 10 नवम्‍बर को हरदोई का रहने वाला धर्मवीर हरदोई में हरपालपुर के पास बस से शाम को जब जा रहा था तो सामने से आती हुई ट्रक की बस के साथ आमने-सामने टक्‍कर से बस पलट गयी जिसमें वह बुरी तरह जख्‍मी हो गया। इस दुर्घटनामें जहां उसके दाहिने हाथ का मांस गायब हो गया वहीं हड्डी भी टूट गयी। इसके बाद उसे हरदोई स्थित अस्‍पताल ले जाया गया तो वहां से उसे ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया, मरीज के अनुसार इसके बाद वह ट्रॉमा सेंटर गया तथा वहां से फि‍र एक और निजी अस्‍पताल पहुंचा।

डॉ नीरज बताते हैं कि निजी अस्‍पताल में हड्डी वाले डॉक्‍टर ने उसकी टूटी हुई हड्डी को जोड़ कर एक्‍सटरनल फि‍क्‍सेटर लगा दिया था जिससे यह लाभ हुआ कि उसका हाथ कट कर अलग नहीं हुआ, साथ ही हड्डी जुड़ने में मदद मिलने लगी। उन्‍होंने बताया कि मरीज के अनुसार इसके बाद हड्डी वाले डॉक्‍टर ने उसे प्‍लास्टिक सर्जन के पास जाने की सलाह दी। डॉ नीरज ने बताया कि इसके बाद 13 नवम्‍बर को मरीज उनके पास जब पहुंचा तो वह सेप्‍टीसीमिया का शिकार होने के कारण बुखार में था। उसकी हालत देखकर उन्‍होंने उसकी सर्जरी प्‍लान की। उन्‍होंने बताया कि उनके सामने बड़ी चुनौती यह थी कि कम्‍पाउंड फ्रैक्‍चर होने के कारण फि‍क्‍सेटर के साथ ही घाव का संक्रमण समाप्‍त करते हुए घाव को भरना और हाथ को मूवमेंट के लायक बनाये रखना।

डॉ नीरज ने बताया कि हम लोगों ने पहले मरीज के घाव को विसंक्रमित करते हुए एक्‍सटरनल फि‍क्‍सेटर को हटाकर इंटरनल फि‍क्‍सेटर लगाया ताकि उस जगह मांस लगाया जा सके। इसके बाद से उसका बुखार कम होने लगा, यानी सेप्‍टीसीमिया का असर समाप्‍त होने लगा था। इसके बाद मरीज की छाती के दाहिनी ओर से फंक्‍शनल आइसलैंडेड पेक्‍टोरलिस मेजर मायोक्‍यूटेनियस फ्लैप  (functional Islanded pectoralis major myocutaneous flap) निकाल कर हाथ में लगाकर ड्रेसिंग की गयी। उन्‍होंने बताया कि मरीज को 14 दिसम्‍बर को अस्‍पताल से छुट्टी दे दी गयी थी। उन्‍होंने बताया कि अब  मरीज को चेक करके देखने पर पाया गया कि ऑपरेशन पूरी तरह सफल हुआ है, और वह हाथ उठाने में भी सक्षम है।

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