प्रेसिडेंट इलेक्शन: शरद पवार ने यूपीए का कुनबा बिखरने से बचाया
नई दिल्ली. विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए मीरा कुमार को उम्मीदवार बनाए जाने के फैसले में वैसे तो शरद पवार शामिल रहे, लेकिन बैठक से पहले तक उन्होंने यह साफ नहीं किया था कि इस मामले में वह एनडीए के नहीं बल्कि यूपीए के साथ हैं। बहरहाल, अब 14वें राष्ट्रपति के चुनाव में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रामनाथ कोविंद का समर्थन करके भले ही विपक्ष की एकता में दरार डाल दी हो, लेकिन राकांपा प्रमुख शरद पवार ने अलग न होकर इसे और चौड़ा होने से बचा लिया।
मीरा को समर्थन : पटेल, आजाद ने मनाया
मीरा कुमार का नाम तय होने से पहले राकांपा प्रमुख ने गुरुवार को दिल्ली में अपनी पार्टी के नेताओं के साथ बैठक की। माना जा रहा था कि पवार इसके बाद यूपीए से अलग राह पकड़ सकते हैं। लेकिन, इस बैठक के बाद सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल और राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद पवार से मिलने पहुंचे।
मीरा कुमार का नाम तय होने से पहले राकांपा प्रमुख ने गुरुवार को दिल्ली में अपनी पार्टी के नेताओं के साथ बैठक की। माना जा रहा था कि पवार इसके बाद यूपीए से अलग राह पकड़ सकते हैं। लेकिन, इस बैठक के बाद सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल और राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद पवार से मिलने पहुंचे।
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सूत्रों की मानें तो इन नेताओं ने पवार को यूपीए के साथ मजबूती से खड़े रहने को राजी किया। शरद पवार के दिल्ली स्थिति आवास पर हुई इस बैठक में सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी भी शामिल हुए, जिसके बाद वह यूपीए की बैठक में शामिल हुए।
दरअसल, पवार ने भाजपा द्वारा कोविंद के नाम की घोषणा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद माना जा रहा था कि वह एनडीए के प्रत्याशी का समर्थन कर सकते हैं। हालांकि, कोविंद के नाम पर पवार ने अपने पत्ते नहीं खोले थे, लेकिन उन्होंने उनका विरोध भी नहीं किया था।