प्रशांत किशोर आज करेंगे बुद्धिजीवियों के साथ बैठक, पवन वर्मा भी होंगे शामिल

शैलेंद्र/पटना : 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) हर तरह की चाल आजमने जा रहा है. यूं कहें तो हर तरह का दांव खेल रहा है. जातीय सम्मेलनों के दौर के बीच जेडीयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर युवाओं से मुलाकात कर रहे हैं. इसी क्रम में बुद्धिजीवियों के रिझाने की रणनीति भी बनायी गई है. 13 दिसंबर यानी आज प्रशांत किशोर और पवन वर्मा एक बैठक कर रहे हैं. इस बैठक को लेकर जेडीयू जहां उत्साहित है वहीं, विपक्ष हमलावर.

पटना विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव में सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) को अपनी चाल से प्रशांत किशोर ने कड़ी टक्कर दी. नौबत ऐसी आ गई थी कि बीजेपी विधायकों को मोर्चा संभालना पड़ा था. वे खुलकर प्रशांत किशोर से खिलाफ बोले, लेकिन छात्रसंघ चुनाव में अध्यक्ष पद छात्र जेदीयू ने सफलता हासिल कर कर जता दिया कि उसने भी कच्ची गोटी नहीं खेली है. अब प्रशांत किशोर का बुद्धिजीवियों के साथ बैठक पर भी चर्चा हो रही है. इससे पहले इस तरह की बैठकें अक्सर बीजेपी नेताओं की ओर से की जाती रही हैं.

जेडीयू की बुद्धिजीवियों के साथ बैठक को लेकर सहयोगी होने की वजह से बीजेपी के नेता कुछ नहीं कह पा रहे हैं, लेकिन कसक उनकी बातों में साफ देखने को मिलती है. भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी नीतीश मिश्रा का कहना है कि सभी को बैठक करने का अधिकार है. जेडीयू हमारा सहयोगी है. अगर उसको फायदा होता है, तो इसका लाभ एनडीए में शामिल होने की वजह से बीजेपी को भी मिलेगा.

वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता शिवानंद तिवारी तंज भरे लहजे में कहते हैं कि अगर जेडीयू बुद्धिजीवियों के साथ बैठक कर रहा है, तो अच्छा है. प्रशांत किशोर तो प्रोफेशनल हैं, वे किसी के भी साथ जा सकते हैं, लेकिन पूर्व सांसद पवन वर्मा का क्या होगा? उनकी जो पृष्ठभूमि रही है, उसे वह जेडीयू में रहकर उसे खो रहे हैं. उनकी लिखी पुस्तकों के पाठक दूसरे दलों में भी हैं. उन्होंने जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार का विरोध किया था, उससे नहीं लगता है कि बुद्धिजीवी बैठक में वह कुछ कह पाएंगे. पवन वर्मा जैसे नेता का जेडीयू में बने रहना समझ से परे है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सफाई से पाला बदल लिया था, वो रातोंरात आरजेडी का साथ छोड़ कर बीजेपी के साथ चले गये थे.

जेडीयू प्रवक्ता डॉ सुनील कुमार ने पार्टी नेताओं की बुद्धिजीवियों के साथ बैठक को सही करार दिया है. उनका कहना है कि मुख्यमंत्री जिस कद के नेता हैं. उनका नेतृत्व हर वर्ग के लोगों के बीच सराहा जाता है. ऐसे में बुद्धिजीवियों के साथ बैठक अहम है, क्योंकि इस बैठक से जो फीडबैक मिलेगा, वो सरकार चलाने के साथ पार्टी के लिए भविष्य की रणनीति बनाने के काम भी आएगा.

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