प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) : हाउसिंग सेक्टर में आएगा पांच लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश

प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के चलते हाउसिंग सेक्टर के दिन फिरने वाले हैं। मंदी के दौर से गुजर रहे इस सेक्टर में पांच लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की संभावना है। केंद्रीय शहरी मंत्रालय के संयुक्त सचिव अमृत अभिजात का दावा है कि पीएमएवाई जैसी योजना में निवेशकों की दिलचस्पी तेजी से बढ़ रही है। यह आवासीय योजना रियल एस्टेट के लिए वरदान साबित हुई है। संयुक्त सचिव अभिजात नारेडको के 15वें अधिवेशन के दूसरे दिन ‘इमर्जिग कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी’ विषय पर आयोजित विशेष सत्र में बोल रहे थे।

उनका मानना है कि कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में प्रभावी लागत, कुशल ऊर्जा और टिकाऊ नई तकनीकी का महत्व लगातार बढ़ रहा है, जिससे इनमें निवेश बढ़ना भी लगभग तय है। अभिजात ने कहा कि केंद्र सरकार को पीएमएवाई के तहत पांच से सात लाख करोड़ रुपये का निवेश आने की उम्मीद है। रियायती दर वाली यह आवासीय योजना देश की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद मुफीद साबित होगी। राजकोट, इंदौर, लखनऊ, पुणो, चेन्नई और रांची में बनाए जाने वाले रियायती दर वाले इन मकानों के लिए प्रोजेक्ट आने वाले हैं।

संयुक्त सचिव अभिजात ने कंस्ट्रक्शन कंपनियों और बिल्डर समुदाय को इसमें खुलकर हिस्सा लेने की अपील की है। इसके लिए 30 अगस्त 2019 की तिथि तय की गई है। शहरी विकास के आवासीय विभाग से सीधे जुड़े अभिजात ने बताया कि पीएमएवाई के मकानों में उपयोग की जाने वाली नई प्रौद्योगिकी जीवन को बदल रही है। देश में हम जिस तरह से आवास बनाने के बारे में विचार कर रहे हैं, वह एक बड़ा बदलाव है। नारेडको के वाइस चेयरमैन प्रवीण जैन ने कहा कि आधुनिक टेक्नोलॉजी के उपयोग से कम लागत वाले आवास बनाने में मदद मिल रही है।

जैन ने कहा कि हम हर हाल में 2022 तक सबको आवास देने के लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे। इसके पूर्व केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने नारेडको के ही एक औपचारिक सत्र में कहा कि सरकार सबको आवास देने के लक्ष्य को निर्धारित समय से दो साल पहले ही प्राप्त कर लेगी। अगले साल तक हर भारतवासी के पास अपनी छत होगी। रियल एस्टेट के रेगुलेशन के लिए बनाए गए रेरा कानून के प्रावधानों की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ छोटी-मोटी खामियां भी बताई जा रही हैं, लेकिन इस कानून से ज्यादातर लोगों की समस्याएं सुलझाने में मदद मिली है।

Back to top button