प्रद्युम्न हत्याकांड: CBI ने इन कारणों से नहीं द‌ी अशोक को क्लीन च‌िट

भोंडसी स्थित रायन इंटरनेशनल स्कूल में 8 सितंबर को हुए दूसरी कक्षा के छात्र प्रद्युम्न की हत्या मामले में गिरफ्तार बस कंडक्टर अशोक का भविष्य एक खास र‌िपोर्ट पर न‌िर्भर है। इस र‌िपोर्ट में कई सवालों के जवाब हैं ज‌िनके ब‌िना सीबीआई अशोक को क्लीन च‌िट नहीं देगी।
 प्रद्युम्न हत्याकांड: CBI ने इन कारणों से नहीं द‌ी अशोक को क्लीन च‌िट

वो खास र‌िपोर्ट है फॉरेंसिक रिपोर्ट। गुरुग्राम पुलिस व सीबीआई ने सबूतों को जांच के लिए फॉरेंसिक लैब में भेजा हुआ है। लैब की रिपोर्ट आने पर ही सीबीआई तय करेगी कि उसे क्लीन चिट दी जानी है या मामले में उसकी भूमिका को तलाशना है। वारदात के बाद गुरुग्राम पुलिस ने आरोपी कंडक्टर अशोक को गिरफ्तार करने के बाद उस पर न केवल हत्या का मामला दर्ज किया था बल्कि पुलिस को उसके साथ यौन उत्पीड़न किए जाने की आशंका को देखते हुए पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था।
 

गुरुग्राम पुलिस द्वारा स्कूल से चाकू बरामद कर उसे फॉरेंसिक जांच के लिए लैब में भेजा गया था। इसके अलावा खून से लथपथ कपड़े भी जांच के लिए भेजे गए थे। सूत्रों ने बताया कि बच्चे के साथ यौन उत्पीड़न किया गया है या नहीं अथवा अशोक द्वारा बाथरूम में गलत काम किया जा रहा था या नहीं इसे जांचने के लिए उसका अंडरवियर भी जांच के लिए लैब में भेजा गया है।
 

इसकी जांच रिपोर्ट सीबीआई के पास आनी है। सूत्रों ने बताया कि सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में बच्चे के साथ यौन उत्पीड़न होने की बात को नकार दिया है। इसके अलावा सूत्रों ने बताया कि जो चाकू गुरुग्राम पुलिस ने वारदात के दिन कब्जे में लेकर जांच में भेजा था उस पर अशोक की उंगलियों के निशान नहीं मिले हैं।
 

सीबीआई द्वारा 11वीं कक्षा के छात्र को हिरासत में लेने के बाद उससे पूछताछ की थी। इसमें छात्र ने चाकू सोहना सब्जी मंडी से खरीदने की बात कही थी। सीबीआई छात्र को लेकर सोहना सब्जीमंडी पहुंची थी, जहां दुकानदार ने चाकू को तो पहचान लिया था, लेकिन छात्र को पहचानने से इंकार कर दिया था।
 

चाकू उसी दुकान से खरीदे गए थे, यह पुख्ता करने के लिए सीबीआई ने उक्त दुकान से आठ चाकू खरीदे थे। इन चाकू को भी सीबीआई ने जांच के लिए लैब में भेज दिया था। इसमें यह जांचा जाना है कि सीबीआई द्वारा खरीदे गए चाकू व गुरुग्राम पुलिस द्वारा कब्जे में लिया गया चाकू दोनों एक ही धातु से बने हैं अथवा नहीं।
 

इस जांच रिपोर्ट के आधार पर ही अशोक का भविष्य तय हो पाएगा। यदि फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट में गुरुग्राम पुलिस द्वारा बताई गई थ्योरी की कोई सच्चाई सामने नहीं आती तो सीबीआई अशोक को क्लीन चिट दे सकती है।
 
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