सुनवाई कहीं भी हो बाल सुधार गृह में ही रहेगा प्रद्युम्न की हत्या का आरोपी छात्र

प्रद्युम्न हत्याकांड में आरोपी छात्र का मामला जुवेनाइल जस्टिस (जेजे) बोर्ड में चले या सामान्य अदालत में उसके बालिग होने तक उसे फरीदाबाद के बाल सुधार गृह में ही रखा जाएगा। बालिग होने के बाद उसे जेल में भी अन्य पेशेवर अपराधियों व कैदियों से अलग रखा जाएगा।
 

सुनवाई कहीं भी हो बाल सुधार गृह में ही रहेगा प्रद्युम्न की हत्या का आरोपी छात्रप्रद्युम्न हत्याकांड में उसके पिता वरुण ठाकुर ने बाल सुधार गृह में बंद 11वीं के छात्र के साथ सामान्य व्यस्क की तरह केस चलाने की मांग की है। 2016 में संशोधित जेजे कानून के तहत यह अधिकार जेजे बोर्ड के पास है। इसकी सुनवाई 22 नवंबर को होनी है।
 

सुनवाई के दौरान जेजे बोर्ड का निर्णय चाहे जो हो, मगर सुधारगृह में बंद छात्र बालिग होने तक यहीं रहेगा। संगीन अपराधों में संलिप्त बाल सुधारगृह में बंद कई किशोरों पर इसी कानून के तहत सेशन कोर्ट में सुनवाई चल रही है।
 

बाल सुधार गृह के अधीक्षक दिनेश यादव के अनुसार, ट्रायल के दौरान किसी किशोर के बालिग (18 वर्ष का होने पर) होने पर वे उसकी जानकारी जेजे बोर्ड को दे देते हैं, जिसके बाद बोर्ड उस युवक को सामान्य जेल में भेज देता है। वहां भी सुधारगृह से गए युवकों को अन्य पेशेवर अपराधियों व कैदियों से अलग रखा जाता है।
 

अभिभावक आ सकते हैं मिलने
बाल सुधारगृह में बंद किशोरों से मिलने के लिए मंगलवार व शुक्रवार का दिन तय है। ऐसे में माना जा रहा है कि प्रद्युम्न हत्याकांड में बंद किशोर के अभिभावक शुक्रवार को उससे मिलने आ सकते हैं। इस दौरान वे छात्र के कोर्स की किताबें भी लाएं, जोकि सुधारगृह प्रबंधन के माध्यम से बच्चे को सौंपी जाएंगी। हालांकि, किशोर के पिता उसके लिए ट्यूटर रखवाने की भी मांग कर रहे हैं। सुधारगृह प्रबंधन का कहना है कि यदि वे ऐसी कोई मांग करते हैं तो वे उसे लिखकर सरकार के पास भेज देंगे और वहां से जो दिशा निर्देश आएंगे उस आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
 
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