मेनका गांधी ने कहा प्रद्युम्न केस में पुलिस ने की जल्दबाजी, बिना सबूत हुई कंडक्टर की गिरफ्तारी

प्रद्युम्न मर्डर केस में सीबीआई ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. पुलिस ने जिसे अपराधी मानकर गिरफ्तार किया था, वह दरअसल निर्दोष है और  प्रद्युम्न को मारने वाला एक 16 साल का 11वीं का छात्र है. इस खुलासे के बाद पुलिस पर जल्दबाजी में कार्रवाई करने का आरोप लग रहा है.

मेनका गांधी ने कहा प्रद्युम्न केस में पुलिस ने की जल्दबाजी, बिना सबूत हुई कंडक्टर की गिरफ्तारीकेंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि पुलिस ने जल्दबाजी में इंवेस्ट‍िगेशन किए बगैर ही कार्रवाई की, जिसका ये नतीजा निकला है. ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें पुलिस की लापरवाही सामने आ चुकी है. पुलिस ने इस मामले को जल्दी सॉल्व करने के लिए किसी पपेट को पकड़ लेती है और अगर वो गरीब है तो पुलिस का काम और भी आसान हो जाता है.  

मेनका गांधी ने कहा कि आगे भविष्य में इस तरह के मामले ना हों, इस बाबत एचआरडी मंत्रालय कई कदम उठा रहा है. मेनका गांधी ने कहा कि हमने दो साल पहले जेजे एक्ट बनाया था. इसके तहत 16 साल के बच्चे ने अगर अपराध किया हैं तो उसे अपराधी माना जाएगा.   

ये रवैया रहा तो पता नहीं और क्या-क्या देखना पड़ेगा और कितनी जानें जाएंगी. प्रद्युम्न के परिवार को कानूनी न्याय तो मिल जाएगा, लेकिन प्रद्युम्न की भरपाई नहीं हो सकती.  स्कूल में इस तरह की घटनाएं ना हों, इसके लिए नए कदम उठाए जाएंगे. इसको लेकर 13 नवम्बर को एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है. 

मुझे लगता कि पुलिस ने इस मामले में कोई भी खोजबीन नहीं किया था. बस दस मिनट में केस को सॉल्व दिखा दिया था. वो भी बिना सबूतों के आधार पर. पुलिस ने जिस कंडक्टर को गिरफ्तार किया था उसके कपड़ों पर खून के निशान भी नहीं थे. फिर किस आधार पर पुलिस कंडक्टर को गिरफ्तार किया. उसकी गिरफ्तारी कर पुलिस ने केस सॉल्व मान लिया.  

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