प्रदेश में पांच राज्य विश्वविद्यालयों की स्थापना जल्द, सीएम ने दिए निर्देश

प्रदेश सरकार जल्द ही प्रदेश में पांच राज्य विश्वविद्यालयों की स्थापना करने की तैयारी में हैं। ये विश्वविद्यालय अलग-अलग विधा के होंगे जिन्हें खास उद्देश्य स्थापित किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रस्तावित विश्वविद्यालयों से जुड़े विभागों के अफसरों को स्थापना से संबंधित कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने को कहा है।

उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में इस विश्वविद्यालय की स्थापना संबद्धता प्रदान करने वाले संस्थान के रूप में की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बड़ी संख्या में राजकीय मेडिकल कॉलेज और अन्य चिकित्सा संस्थानों की स्थापना हो रही है। इनके लिए बड़ी संख्या में नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टाफ की आवश्यकता होगी।

नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टाफ स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ हैं। इनकी पर्याप्त उपलब्धता से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होती हैं। इसके मद्देनजर नर्सिंग एवं पैरामेडिकल विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए तेजी से कार्य किया जाए। साथ ही स्टेट मेडिकल फैकेल्टी को भी मजबूत किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना भी प्रथम चरण में संबद्धता प्रदान करने वाले विश्वविद्यालय के रूप में की जाए। इसके लिए विशेषज्ञों से विचार-विमर्श कर विस्तृत कार्ययोजना बनाई जाए। इसके अंतर्गत देश में प्रचलित सभी वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों को शामिल किया जाए।

मुख्यमंत्री ने राज्य कौशल विश्वविद्यालय तथा फोरेंसिक साइंस व साइबर क्राइम से संबंधित विश्वविद्यालय की स्थापना पर भी अधिकारियों के साथ चर्चा की और इसकी कार्यवाही तेज करने निर्देश दिए। राज्य कौशल विश्वविद्यालय व्यावसायिक शिक्षा विभाग, आयुष विश्वविद्यालय आयुष विभाग, यूपी चिकित्सा विश्वविद्यालय तथा नर्सिंग व पैरामेडिकल विश्वविद्यालय चिकित्सा शिक्षा विभाग बनाएगा। फोरेंसिक साइंस व साइबर क्राइम विश्वविद्यालय की स्थापना गृह विभाग की देखरेख में होनी है।

सूत्रों के अनुसार इन विश्वविद्यालयों की स्थापना में जमीन की व्यवस्था सबसे बड़ी चुनौती है। इसकी वजह से स्थापना से जुड़ी कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए स्थान व भूमि का चयन, बजट की व्यवस्था व विधायी मंजूरी से जुड़ी कार्यवाही भी की जानी है।

शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन पांच विश्वविद्यालयों में से एक यूपी चिकित्सा विश्वविद्यालय की स्थापना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर कराने का निर्णय पिछली कैबिनेट कर चुकी है। 25 दिसंबर को इसका शिलान्यास हो सकता है। यह विश्वविद्यालय सरकारी व निजी मेडिकल कालेजों व डेंटल कालेजों के  प्रबंधन के लिए बनाया जाना है।

बैठक में मुख्य सचिव डॉ. अनूप चंद्र पांडेय, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस.पी. गोयल, प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य प्रशांत त्रिवेदी, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे, केजीएमयू के कुलपति डॉ. एम.एल.बी. भट्ट, सचिव कौशल विकास भुवनेश कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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