पूर्व सीएम हरीश रावत का यह चिरपरिचित कार्यक्रम था। उनका अंदाज भी वो ही था, जिसके लिए वे जाने जाते हैं। मगर नारे लग रहे थे-‘हरीश रावत संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं।’ मशरूम और पहाड़ी उत्पादों के प्रोत्साहन के इस कार्यक्रम में शनिवार को मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में खिचड़ी भी परोसी गई। हरीश रावत की ‘खिचड़ी’ से निकली सियासी महक दूर तक लोगों ने महसूस की। हरीश रावत के समर्थकों ने एक पखवाडे़ के भीतर दूसरी बार देहरादून में ताकत का मुजाहिरा किया।
वहीं, कांग्रेस में हरीश रावत से छत्तीस का आंकड़ा रखने वाले प्रीतम-इंदिरा खेमे से जुडे़ लोगों ने इस बार भी पार्टी का अघोषित बहिष्कार किया। अभी ज्यादा दिन नहीं हुए, जब नए साल के आगमन पर हरीश रावत ने गुड चाय और पहाड़ी खाद्य पदार्थों का स्वाद अपने मेहमानों को चखाया था। शुक्रवार को मशरूम और पहाड़ी उत्पादों को प्रोत्साहित करने के नाम पर हरीश रावत ने एक बार फिर एक मंच सजाया। सीएम रहते हुए हरीश रावत ने जिन मशरूम गर्ल दिव्या रावत को ब्रांड अंबेसडर नियुक्त किया था, उनकी पूरी टीम को शनिवार को पूर्व सांसद व मंत्री टीपीएस रावत, पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल, हीरा सिंह बिष्ट जैसे दिग्गजों से उन्होंने सम्मानित कराया।
इस मंच का पूरा इस्तेमाल उन्होंने अपने मकसद को सामने रखने के लिए किया। इस कोशिश में हरीश रावत कभी खुद बोलते नजर आए, तो कभी एक एंकर की तरह दिव्या रावत से सवाल जवाब करते हुए भी दिखे। अपने कार्यकाल की कई योजनाओं की उन्होंने बात की। मंडुवा, झिंगोरा का जिक्र किया। और तो और भांग की खेती का इस रूप में जिक्र किया कि कांग्रेस के लोग ही तब उनके आलोचक हो गए थे, लेकिन आज इस सभी जगह से मान्यता मिल रही है। रावत प्रदेश सरकार को चेताते हुए भी नजर आए। उन्होंने कहा-पहाड़ी खाद्य पदार्थों के प्रमोशन के लिए तीन साल के संगठित प्रयास को यदि आगे नहीं बढ़ाया गया, तो यह उत्तराखंडियत के लिए सही नहीं होगा।
उत्तराखंड में तो भूत भी जागर लगाते हैं
सीएम हरीश रावत ने शनिवार को पहाड़ी खाद्य पदार्थों का प्रमोशन करते हुए कई चुटीले बाण भी छोडे़। उन्होंने इशारों ही इशारों में सरकार से लेकर अपनी पार्टी के प्रदेश नेतृत्व तक पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा-वह तो भूत हैं, अब जो करना है वह वर्तमान को करना है। उन्होंने आगे जोड़ा-उत्तराखंड के भूत भी जागर लगाते हैं। वह भी जागर लगाने का काम कर रहे हैं।
टीपीएस दिखे काफी समय बाद मंच पर
पूर्व कैबिनेट मंत्री और सांसद लेफ्टिनेंट जनरल टीपीएस रावत बहुत समय बाद किसी सार्वजनिक मंच पर दिखाई दिए। कांग्रेस की सियासत में भी टीपीएस रावत काफी समय से सक्रिय नहीं हैं। पौड़ी गढ़वाल के पूर्व सांसद रह चुके टीपीएस रावत ने फिलहाल लोकसभा चुनाव के लिए अपनी दावेदारी प्रस्तुत नहीं की है। दूसरी तरफ, कांग्रेस के 11 विधायकों में सिर्फ एक केदारनाथ विधायक मनोज रावत ही कार्यक्रम में मौजूद रहे।