पुरुषों में व महिलाओं आपसी रिश्तों का तनाव, केजीएमयू के डॉक्टरों ने सर्वे में किया ये बड़ा खुलासा

नौकरी.. रोजगार और पैसे, जी हां पुरुष इसे ज्यादा प्राथमिकता देते हैं। शायद यही वजह है कि पुरुषों में तनाव का सबसे बड़ा कारण आर्थिक चिंता है। दूसरी तरफ महिलाओं आपसी रिश्ते की चिंता खाए जा रही है। यह हम नहीं कह रहे बल्कि इसका खुलासा केजीएमयू के डॉक्टरों के सर्वे में हुआ।

केजीएमयू के मानसिक रोग विभाग द्वारा तनाव व उसके कारणों पर सर्वे किया गया। यूपी हेल्थ स्ट्रेथनिंग प्रोजेक्ट (यूपीएचएसपी) के सहयोग से चार जनपदों लखीमपुर खीरी, महाराजगंज, झांसी, मुजफ्फरनगर का चयन किया गया। इसके लिए 12 हजार 80 घरों के एक सदस्य से 127 प्रश्नों पर सवाल-जवाब किए गए।

विभागाध्यक्ष डॉ. पीके दलाल व डॉ. सुजीत कुमार के साथ 50 सदस्यीय टीम ने गांव व शहरी निवासियों का फीड बैक लिया। इसमें कुल 93.7 फीसद लोग तनाव की चपेट में मिले। किशोरों में पढ़ाई को लेकर टेंशन दिखी।

पुरुष से अधिक महिलाओं पर हावी

सर्वे में पुरुष का औसत जहां 92.4 रहा, वहीं महिलाएं 95 फीसद तनाव की चपेट में मिलीं। यह सर्वे 13 वर्ष से 75 वर्ष की उम्र के लोगों में किया गया। सर्वे में पाया गया पुरुष नौकरी से असंतुष्ट रहते हैं और आमदनी ही उनके तनाव का कारण होती है। सर्वे में 90 फीसद लोगों में खुद को तनाव से उबरने की क्षमता दिखी। वहीं दस फीसद एंजाइटी व डिप्रेशन का शिकार मिले।

16 फीसद में सोशल मीडिया डिसऑर्डर

16 फीसद लोग तीन से पांच घंटे तक सोशल मीडिया का प्रयोग कर रहे हैं। ऐसे में सोशल मीडिया डिसऑर्डर का शिकार हो गए। इससे चिड़चिड़ापन, आंखों में भेंगापन, रोशनी, पीठ में दिक्कत, गर्दन में दिक्कत हो रही है।

खली समय क्या करते लोग

  • आदत औसत
  • चैटिंग, सोशल मीडिया-80 फीसद
  • म्यूजिक, मूवी का शौक- 58 फीसद
  • टेलीविजन का शौक- 53 फीसद
  • गेम्स, स्पोर्ट- 11.3 फीसद
  • रीडिंग, राइटिंग- 24 फीसद

तनाव से बचने की सलाह

नौकरी या अन्य कामों को उत्साह से करें, परिवारीजनों से मिलें, खुलकर बात करें, परेशानियों को साझा करें, छह से आठ घंटे सोएं, सूरज की रोशनी में टहलें,

सोशल मीडिया का कम प्रयोग करें।

सरकार को दिए सुझाव

डॉ. पीके दलाल के मुताबिक रिपोर्ट सरकार को भेज दी गई है। इसमें आंगन बाड़ी, आशा को प्रशिक्षण की सलाह दी गई है। वह ऐसे व्यक्तियों को पहचान कर अस्पताल जाने की सलाह दें। वहीं मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम 45 से बढ़ाकर शीघ्र 75 जनपदों में शुरू किया जाए।

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