पुनर्वास की डेडलाइन खत्म, लेकिन डूब प्रभावितों की उम्मीदें बरकरार

बड़वानी/ इंदौर.नर्मदा डूब प्रभावितों के पुनर्वास की सोमवार को डेडलाइन खत्म हो गई। डूब प्रभावितों ने दो घंटे तक दो प्रांतों के मार्गों पर वाहनों की आवाजाही रोकी। चिखल्दा सहित नर्मदा घाटी के कई गांवों में चूल्हे नहीं जले। उधर, सुप्रीम कोर्ट में डूब प्रभावितों के पुनर्वास कार्रवाई पर रोक लगाने संबंधी याचिका स्थगित हो गई। अब 8 अगस्त को सुनवाई होगी। विस्थापितों में वॉट्सएप के जरिये कोर्ट की तारीख की खबर तेजी से फैली और हर कहीं तात्कालिक राहत महसूस की गई। सरदार सरोवर डूब विस्थापित संघ के संरक्षक महेश तिवारी ने बताया आंदोलन की ओर से वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन को बताया सरकार ने सभी का पुनर्वास नहीं किया है।
पुनर्वास की डेडलाइन खत्म, लेकिन डूब प्रभावितों की उम्मीदें बरकरार
 
इस पर जस्टिस रोहिंटन ने कहा कि इस मामले में चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने आदेश दिए हैं। वे ही सुनवाई करेंगे। इसके बाद जस्टिस खेहर से पुनर्वास पर रोक लगाने की मांग की गई। जस्टिस खेहर ने स्थगन या राहत देने से इनकार कर दिया। वहीं मंगलवार को हाई कोर्ट में 604 ग्रामीणों की याचिका पर अंतिम सुनवाई होगी। ग्रामीणों ने भी शिफ्टिंग की कार्रवाई पर रोक लगाने और प्लॉट का पैसा दिए जाने की मांग की है।

ये भी पढ़े: आप भरोसा रखिए, जल्द अन्य राज्यों की तरह यूपी में भी होगा कानून का राज: अमित शाह

हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ इस मामले में एक जनहित याचिका खारिज कर चुकी है। इसके बाद बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की है। इसमें मांग की गई है कि जब तक एक-एक ग्रामीण का पुनर्वास ठीक से नहीं हो जाता तब तक ग्रामीणों को नहीं हटाया जाए। साक्ष्य के रूप में पुनर्वास स्थल के फोटो भी लगाए गए हैं, जिसमें बदहाली नजर आ रही है।
 
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हो रहा काम
सुप्रीम कोर्ट ने ही सरदार सरोवर के मामले में आदेश दे रखे हैं कि 31 जुलाई के पहले हर हाल में शिफ्टिंग कर ली जाए। बांध को पूरी क्षमता से भरा जाना चाहिए। एक-एक ग्रामीणों को मुआवजा और व्यवस्थित पुनर्वास किए जाने के आदेश दिए हैं। नए सिरे सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में पुनर्वास ठीक से नहीं किए जाने की बात कही है। इसी आधार पर शिफ्टिंग रोके जाने की मांग की है।
कब-कब कितना पानी
31 जुलाई 121.03 मीटर
10 अगस्त 127.40 मीटर
20 अगस्त 130.55 मीटर
30 अगस्त 130.59 मीटर
10 सितंबर 132.43 मीटर
20 सितंबर 134.24 मीटर
30 सितंबर 135.56 मीटर
10 अक्टूबर 137.21 मीटर
20 अक्टूबर 138.68 मीटर
 
सरकार का दावा… 4986 परिवारों का होना है विस्थापन 30% ऐसी जगह रह रहे जहां पानी आने की संभावना नहीं
सरकार सरोवर डेम के डूब क्षेत्र में आने वाले धार और बड़वानी जिले के मात्र 4986 परिवारों को विस्थापित करना है। सरकार अभी तक 2 हजार करोड़ से अधिक मुआवजा बांट चुकी है। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रजनीश वैश्य ने बताया कि 23,614 में से 18,628 परिवारों का विस्थापन किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि जमीन का अधिग्रहण डेम की ऊंचाई 143 मीटर के मद्देनजर किया गया है। जबकि डेम की ऊंचाई 138.68 मीटर तय की गई है। इस हिसाब से दोनों जिलों के 74 गांवों में रह रहे 4986 से 30 प्रतिशत ऐसे हैं, जो डेम का भराव 138 मीटर से ज्यादा भरा जाएगा। जिसकी कोई संभावना अगले कई सालों तक नहीं है। ऐसे में करीब 1500 परिवारों को कोई खतरा नहीं है।
 
Back to top button