पीरियड्स से जुड़ी ये अहम् बातें पति को भी होनी चाहिए पता

एक बार मासिक चक्र शुरू हो जाने के बाद इसके बारे में सारी जानकारी एक लड़की या महिला को होनी चाहिए लेकिन ज्यादातर मामलों में महिलाएं इस शारीरिक प्रक्रिया से जीवन भर अनजान बनी रहती हैं। अगर महिला मैरिड है, तो ये बातें पति को भी पता होनी चाहिए। 

महिलाओं को यह तो पता होता है कि उनके  पीरियड्स महीने में किस समय आते हैं, लेकिन इसके बारे में उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं होती। पीरियड्स सिर्फ पांच दिन की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि इससे पूरा महीना जुड़ा रहता है। पूरे महीने होने वाले शारीरिक बदलावों को महिलाएं अक्सर समझ ही नहीं पातीं। चक्र के दौरान पूरे महीने ऑव्यूलेशन, पीएमएस और ऐंठन-दर्द के साथ-साथ ऐसे बहुत से शारीरिक बदलाव होते हैं, जिन्हें आप न सिर्फ  महसूस कर सकती हैं, बल्कि इनके जरिए अपने पीरियड समय को भी अच्छी तरह से समझ सकती हैं। कुछ महिलाओं को ये बदलाव महसूस भी होते हैं, तो कुछ इन बदलावों को समझ नहीं पाती।

जानें अपना ऑव्यूलेशन समय 

ऑव्यूलेशन प्रक्रिया मासिक चक्र का महत्पूवर्ण भाग है। यह महीने के मध्य में एक या फि र दो दिन की होती है। ऑव्यूलेशन प्रक्रिया में ओवरी निषेचन के लिए अंडा छोड़ती है। इस दौरान शरीर में कुछ बदलाव होते हैं, जैसे स्तनों में भारीपन, पेट के नीचे हिस्से में हल्का दर्द, सर्वाइकल म्यूकस में बदलाव और शरीर के तापमान में बदलाव होना। 

कुछ महिलाएं इन बदलावों को महसूस कर लेती हैं। ऑव्यूलेशन से पहले ओवरी में फॉलिकल विकसित होते हैं, जिनमें से अंडा निकलता है। एक शोध यह भी कहता है कि ऑव्यूलेशन के दौरान महिलाओं को शारीरिक संबंध बनाने की ज्यादा इच्छा होती है। ऐसा हार्मोन्स में हो रहे बदलावों के कारण होता है। इसलिए अगर आपके साथ इन दिनों ऐसा हो तो इसे अन्यथा न लें और न ही अपने आपको किसी तरह का दोष दें।

क्या प्रभाव डालती हैं गर्भनिरोधक दवाइयां

गर्भनिरोधक दवाइयां आपके पीरियड को भी प्रभावित करती हैं। इन्हें लेने से मासिक चक्रइन गोलियों पर निर्भर हो जाता है, फिर कुछ समय बाद शरीर इस प्राकृतिक प्रक्रिया से कुछ हद तक प्रभावित होता है। यही वजह है कि जब कोई महिला इन दवाइयों को लेना बंद करती है तो मासिक चक्र को अपनी प्रक्रिया में नियमित करने में एक साल तक लग सकता है। इसलिए गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन के दौरान सावधानी रखें और डॉक्टर की सलाह से ही इनका सेवन करें।

Young woman in pain lying on bed

मासिक चक्र की लम्बाई

मासिक चक्र की लम्बाई का औसत वैसे 28 दिन का होता है लेकिन यह हर महिला में अलग भी हो सकता है। यह चक्र 21 से 35 दिन का भी हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक अपने चक्र की लम्बाई को आप पीरियड के पहले दिन और अगले पीरियड के अंतिम दिन से नाप सकती हैं। कैलिफोर्निया के एक मेडिकल समूह के अनुसार, मासिक चक्र की प्रथम अवस्था हर महिला में अलग-अलग होती है। चक्र के पहले दिन से ऑव्यूलेशन का समय तीन सप्ताह का होता है। वहीं ऑव्यूलेशन के बाद का  समय 14 दिन का होता है। चक्र  की लम्बाई मानसिक तनाव और खान-पान पर भी  निर्भर करती है। गर्भनिरोधक दवाइयों के कारण भी मासिक चक्र में बदलाव देखने को मिल जाते है।

मासिक चक्र के दौरान दर्द और तनाव

मासिक चक्र के दौरान कई महिलाओं को पीठ और पैरों के ऊपरी हिस्सों में दर्द महसूस होता है। कई बार तो यह दर्द उनके लिए असहनीय हो जाता है। ऐसा असल में पेल्विक हिस्से की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण होता है। कुछ महिलाओं को पेट के एक हिस्से में दर्द महसूस होता हैं तो कुछ को दूसरे हिस्से में। यह दर्द कुछ तनाव भरा भी होता है। दूसरी ओर, यदि पीरियड के दौरान आपको किसी तरह के इंफेक्शन की शिकायत है तो चिकित्सक से सलाह जरूर ले लें।

खान-पान में बदलाव करना है जरूरी

आपने देखा होगा कि कई महिलाओं में मासिकधर्म से पहले शारीरिक बदलाव होते हैं, मूड बदलता है या फि र सिरदर्द और पेट में दर्द की शिकायत रहती हैं। इसे दूर करने के लिए खाने में विटामिन और मिनरल शामिल कर सकती हैं। कैल्शियम जहां मांसपेशियों को मजबूत करता है, वहीं इससे दर्द भी दूर होता है। ऐसे में मासिक धर्म के दौरान खाने-पीने का पूरा ध्यान रखें, जिससे शरीर को मजबूती मिले। मासिक धर्म के पहले होने वाली शारीरिक समस्याओं को अच्छे खान-पान से सही किया जा सकता है।

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