पीओके में दफनाया गया लंदन ब्रिज हमले में मारा गया आतंकी
पिछले हफ्ते लंदन में आतंकवादी हमले के दौरान मारे गए पाकिस्तानी मूल के सजायाफ्ता आतंकवादी उस्मान खान को पीओके स्थित उसके पैतृक गांव में दफना दिया गया.
डॉन न्यूजपेपर से बात करते हुए पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के जनरल मैनेजर और जनसंपर्क अधिकारी अब्दुल हफीज ने बताया कि उस्मान खान का शव लंदन से इस्लामाबाद लाया गया था, जिसे शुक्रवार को उसके परिवार को सौंप दिया गया.
रिपोर्ट के मुताबिक उस्मान खान के रिश्तेदारों ने उसके शव को पीओके के कोटली में दफनाया. बता दें कि 28 साल के उस्मान खान ने 29 नवंबर को लंदन ब्रिज आतंकवादी हमले में दो लोगों की चाकू मारकर हत्या कर दी थी.
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लंदन ब्रिज पर किया था चाकू से हमला
उस्मान खान ने 29 नवंबर को लंदन ब्रिज पर चाकू लेकर कोहराम मचा दिया था. इस शख्स ने लगभग पांच लोगों को चाकू मार दिया, इसमें 2 लोगों की मौत हो गई जबकि 3 लोग घायल हो गए थे. हालांकि घटना की सूचना मिलते ही ब्रिटेन की एंटी टेरर पुलिस वहां पहुंच गई और पांच मिनट में उसे ढेर कर दिया.
उस्मान खान की एक सजायाफ्ता आतंकवादी के रूप में पहचान की गई थी. उसे सात साल पहले लंदन स्टॉक एक्सचेंज पर बमबारी करने और पीओके में अपने परिवार के स्वामित्व वाली जमीन पर एक आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर बनाने के लिए जेल भेजा गया था.
बताया जा रहा है कि उस्मान खान ने ब्रिटेन की संसद को निशाना बनाने के लिए मुंबई हमले की तरह हमला करने के लिए रिहर्सल किया था. ब्रिटेन के जज ने उसे 2012 में आतंकवाद के मामले में जेल की सजा सुनाई थी. उसे आतंकवादी के तौर पर सार्वजनिक तौर पर ‘गंभीर’ बताया गया था. उस्मान खान पिछले साल दिसंबर में पैरोल पर जेल से रिहा हुआ था. हालांकि इलेक्ट्रॉनिक टैग के जरिये उसकी निगरानी की जा रही थी.
अखबार कार्यालय के सामने किया प्रदर्शन
एक हफ्ते में दूसरी बार लगभग 100 प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को एक पाकिस्तानी अखबार के कार्यालय का घेराव किया और न्यूजपेपर के खिलाफ नारे लगाए. प्रदर्शनकारियों ने लंदन ब्रिज हमले में मारे गए आतंकवादी उम्मान खान की खबर प्रकाशित करने के खिलाफ प्रदर्शन किया.
इस रिपोर्ट में बताया गया था कि उस्मान खान पाकिस्तानी मूल का नागरिक था. करीब 100 लोग वैन में सवार होकर अखबार के दफ्तर के बाहर जमा हुए और डॉन के इस्लामाबाद ब्यूरो का घेराव किया. प्रदर्शनकारियों ने मीडिया समूह के खिलाफ नारेबाजी की और अखबार की प्रतियां जलाईं. मौके पर पुलिस के पहुंचते ही प्रदर्शनकारी भाग गए.