पांडवों में द्रौपदी को लेकर क्यों नहीं होता था कभी कोई विवाद, जानिए क्या थी वो खास बात..

हिंदू धर्म में महाभारत बहुत ही प्रचालित हैं। महाभारत का युद्ध कौरवों और पांडवों के बीच हुआ था। इस कारण ही महाभारत युद्ध कि वहज से अधिक जाना जाता हैं। आपको बता दें,कि हिंदू धर्म की महाभारत की ये कथा जिनती रोचक हैं,उतनी ही चौकानें वाली भी हैं। वही इस में ऐसे कई सारे पात्रों के नाम हैं,जिनकी वजह से महाभारत की हर एक घटना को आज भी याद किया जाता हैं। इन सभी पात्रों में से एक द्रौपदी का भी मुख्य पात्र माना जाता हैं। वही द्रौपदी का विवाह पांचों पांडवों के संग ही हुआ था।पांडवों में द्रौपदी को लेकर क्यों नहीं होता था कभी कोई विवाद, जानिए क्या थी वो खास बात..

हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक नारद जी ने पांचों पांडवों और द्रौपदी के बीच हर एक के साथ रहने के कुछ नियम और कायदें बनाए थे जिसका पालन सभी पांडव और द्रौपदी भी स्वयं करती थी। वही नारद जी के नियमों के अनुसार जब एक भाई द्रौपदी के साथ एकांत में रहता था तो उस वक्त कोई दूसरा भाई नहीं जा सकता था। इस नियम को तोड़ने वाले को 12 साल तक जंगल में अकेले रहकर ब्रहाचारी का जीवन व्यतीत करना पड़ता था।

वही इसके अलावा द्रौपदी ने भी अपने पांचों पतियों के संग अलग ही तालमेल रखा हुआ था। जिसके कारण कभी भी पांडवों में द्रौपदी को लेकर वाद—विवाद नहीं होता था। वही एक बार भगवान श्री कृष्ण की पत्नी सत्यभामा ने द्रौपदी से इस मैनेजेमेंट का राज पूछ लिया।तो द्रौपदी ने जवाब देते हुए जो बताया उसे कोई भी लड़की अगर समझ ले तो उसका वैवाहिक जीवन हमेशा ही खुशहाल रहेगा। द्रौपदी कहती हैं,कि सबसे जरूरी हैं कि आपका चरित्र अच्छा हो। वही लड़कियों को अधिक दरवाजे या फिर खिड़कियों से ताक—झांक नहीं करना चाहिए।

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