पहली बार एक होटल ने 123 रोबोट्स को नौकरी से किया बर्खास्त,

इस समय दुनियाभर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर बहस छिड़ी है. ज्यादातर लोग मानते हैं कि कोई भी टेक्नोलॉजी, इंसानों को पूरी तरह रिप्लेस नहीं कर पाएगी. इसी बीच एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां जापान के एक होटल ने सही काम न करने पर अपने होटल के 123 रोबोट्स को नौकरी से निकाल दिया. जापान का ‘हेन ना’ दुनिया का पहला होटल है जहां लोगों की सुविधा के लिए 243 रोबोट रखे गए थे. इसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है. लेकिन होटल को लगा कि रोबोट्स अपना काम ठीक से नहीं कर पा रहे. यानी जहां माना जा रहा था कि रोबोट्स के आ जाने के बाद इंसानों की नौकरी खतरे में पड़ सकती है, वहीं खुद रोबोट्स की नौकरी भी सुरक्षित नहीं.

खर्राटे आते ही गेस्ट को जगा देते हैं
एजेंसी के मुताबिक होटल में आने वाले गेस्ट को शिकायत थी कि खर्राटे लेते ही रोबोट उन्हें जगा देते हैं. गेस्ट के साथ ऐसा रात में कई बार होता है. अगर रोबोट रिसेप्शन जैसी जगह बैठा हो तो वह आपके सामान्य सवालों का भी जवाब देने में नाकाम था. गेस्ट की शिकायत थी कि खर्राटे लेते ही रोबोट्स का ऑटो सेंसर काम करने लगता है और रोबोट्स नींद से जगाकर पूछते थे, आपने जो कहा एक बार फिर से कहेंगे?
आसान काम भी नहीं करते रोबोट्स
होटल में रुकने वाले गेस्ट ने बताया कि वहां तैनात रोबोट्स को चुरी बोलते हैं. चुरी छोटे-मोटे काम भी कई बार नहीं कर पाते. रोबोट्स को लाइट या AC बंद करने को कहो, तो भी वो नहीं सुनते. एक गेस्ट ने चुरी से पूछा, ‘थीम पार्क किस समय खुलता है?’ लेकिन चुरी इस सवाल का सही जवाब नहीं दे पाए.
शुरुआत में मिली शोहरत
2015 में यह होटल जापान के सासेबो में खोला गया था. इसे काफी शोहरत भी मिली थी. शुरुआत में होटल में 80 रोबोट रखे गए थे. बाद में इनकी संख्या तिगुनी हो गई. होटल की बेवसाइट के जनरल कॉन्सेप्ट में भी इस बार का जिक्र है कि कैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके वो अपने लोगों को मदद करते हैं. होटल संचालक हिडियो सवाडा का कहना है कि हमने ये रोबोट्स सिर्फ ख्याति बटोरने के लिए नहीं रखे थे, बल्कि हम टेक्नोलॉजी को इस्तेमाल करना चाहते थे.

Back to top button