पर्सनल प्रोटक्शन इक्यूपमेंट्स किट के निर्यात को लेकर केंद्र सरकार ने लगाई ये कई शर्तें, पढ़े पूरी खबर

 पर्सनल प्रोटक्शन इक्यूपमेंट्स (पीपीई) किट के निर्यात को लेकर केंद्र सरकार ने शर्तें लगा दी हैं। इस वजह से पंजाब की पीपीई किट बनाने वाली कंपनियां नियमों के चक्रव्यूह में फंस गई हैं। उद्यमियों की उलझन यह है कि वे बगैर सप्लाई की तारीख तय किए हुए ऑर्डर नहीं ले सकते। ऑर्डर लेते हैं तो उन्हें यह नहीं पता कि केंद्र सरकार उन्हीं की कोटा अलाट करेगी, क्योंकि केंद्र ने केवल 50 लाख किटों के निर्यात करने की शर्त लगाई हुई है। देश में अब पीपीई किट की मांग है नहीं और निर्यात को लेकर इतने पेंच हैं कि इंडस्ट्री ने प्रोडक्शन में कटौती कर दी है।

निर्यात का ऑर्डर लिया तो केंद्र सरकार देगी इजाजत या नहीं, इसको लेकर संदेह

मामला इतना पेंचीदा हो या है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी इस समस्या के हल के लिए मैदान में उतर गए है। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिख दिया है। वहीं, चीफ सेक्रेटरी विनी महाजन भी इस मामले का हल करवाने के लिए लगातार केंद्र सरकार के साथ संपर्क कर रही हैं। पीपीई किट के निर्यात को लेकर पंजाब सरकार इसलिए भी खासी चिंतित है, क्योंकि तमिलनाडु के बाद पंजाब ही ऐसा राज्य है, जहां वर्तमान में 137 इंडस्ट्रियल यूनिट पीपीई किट व पांच यूनिट एन-95 मास्क का उत्पादन कर रही है।

देश में पीपीई किट की मांग न होने से प्रोडक्शन में आई भारी गिरावट

बता दें कि 22 मार्च के पहले पंजाब में पीपीई किट का निर्माण नहीं हो रहा था। कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन और पंजाब में कफ्र्यू के बाद लुधियाना की इंडस्ट्री ने पीपीई किट को लेकर रुचि दिखाई। इसके बाद आज 137 यूनिट्स है, जिन्हें पीपीई किट बनाने को लेकर मान्यता मिल चुकी है।

विदेशों में पीपीई किट का काफी मांग

वर्धमान ग्रुप में पीपीई किट मैन्यूफैक्चरिंग के हेड निलेश जोशी बताते हैं, आज से दो माह पहले पीपीई किट की जो मांग थी वह अब नहीं रही। वर्तमान में देश में दो लाख किट की ही मांग रह गई है, जबकि विदेशों में इसकी मांग काफी है। इंडस्ट्री ने लॉकडाउन पीरियड में भी पीपीई किट बनाने में निवेश कर लिया। केंद्र ने पीपीई किट निर्यात की मंजूरी तो दे दी, लेकिन उस पर 50 लाख किट निर्यात की कैप लगा दी।

जोशी ने कहा कि समस्या तब और बढ़ गई जब यह शर्त भी रख दी कि महीने के 1 से 3 तारीख तक जो ऑर्डर मिलेंगे उस पर ही कोटा अलाट किया जाएगा। अगर किसी कंपनी को 4 तारीख को ऑर्डर मिलता है तो वह कोटा के लिए अप्लाई नहीं कर सकता।

उन्‍होंंने बताया कि यही नहीं, सरकार कह रही है कि कंपनी पहले ऑर्डर की कापी दिखाए उसके बाद कोटा अलाट किया जाएगा कि वह कितनी पीपीई किट सप्लाई कर सकती है। यह संभव नहीं है। कंपनी ऑर्डर ले ले और अगर उसे सप्लाई करने की इजाजत नहीं मिले तो वह बायर को क्या जवाब देगी।

लुधियाना के ही डिफरेंट गार्मेंट्स के नीरज आर्या कहते हैं कि समय तेजी से निकलता जा रहा है। निर्यात को लेकर जो नियम केंद्र सरकार ने बनाए है, उन नियमों को ध्यान में रखते हुए निर्यात नहीं किया जा सकता। इसके विपरीत चीन से फैब्रिक लेकर बांग्लादेश अपना निर्यात बढ़ाता जा रहा है। हम निर्यात की क्षमता रखने के बावजूद नियमों में उलझ कर रह गए है। ऑर्डर अगर मिल भी जाए तो यह नहीं पता कि केंद्र सरकार उसे कोटा देगी या नहीं।

मामले को मुख्यमंत्री खुद देख रहे हैं : सिब्बन सी.

इंडस्ट्री डिपार्टमेंट के डायरेक्टर सिब्बन सी. कहते हैं कि पीपीई किट निर्माताओं को निर्यात को लेकर जो समस्याएं आ रही है, उस संबंध में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के ध्यान में ला दिया गया है। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा है। यह ऐसी समस्या है, जो केंद्र सरकार से जुड़ी हुई है। इसलिए मुख्यमंत्री खुद इस मामले को देख रहे है।

Back to top button