पन्नीरसेल्वम ने सीएम पलनिसामी, शशिकला समेत उनके 2 रिश्तेदारों को AIADMK से निकाला
तमिलनाडु में शशिकला गुट के ई. पलनिसामी सीएम भले ही बन गए हों लेकिन AIADMK में वर्चस्व की जंग अभी थमी नहीं है। दोनों गुट अपने आप को ‘असली’ AIADMK बताते हुए एक दूसरे के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं और विरोधी खेमे को पार्टी से बाहर निकाल रहे हैं
शुक्रवार को ओ. पन्नीरसेल्वम गुट ने शशिकला और उनके 2 रिश्तेदारों को पार्टी से निकाल दिया जबकि मुख्यमंत्री पलनिसामी समेत 13 जिला सचिवों को बर्खास्त कर दिया। हाल ही में AIADMK के प्रेसिडियम चेयरमैन पद से हटाए गए ई. मधुसूदनन ने बयान जारी कर कहा कि सलेम के जिला सचिव ई. पलनिसामी और 12 दूसरे जिला सचिवों का बर्खास्त कर दिया गया है। दरअसल सीएम पलनिसामी सलेम से AIADMK के जिला सचिव भी हैं।
इससे पहले मधुसूदनन ने ‘पार्टी के सिद्धांतों और आदर्शों के खिलाफ’ जाने के लिए वी. के. शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों को पार्टी से निष्कासित कर दिया। अपने बयान में मधुसूदनन ने कहा कि शशिकला ने दिवंगत जयललिता से किए गए उन वादों का उल्लंघन किया जिसमें उन्होंने कहा था वह राजनीति में नहीं उतरेंगी और पार्टी या सरकार का हिस्सा बनने की उनकी कोई इच्छा नहीं है। मधुसूदनन ने AIADMK कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे शशिकला से किसी भी तरह का रिश्ता न रखें।
शशिकला को पार्टी से ‘निकालने’ के कुछ देर बाद मधुसूदनन ने मुख्यमंत्री पलनिसामी, लोकसभा के डेप्युटी स्पीकर एम. थंबीदुरई, मंत्री डिंडिगुल सी. श्रीनिवासन, पी. थैंगमानी, सी.वी. षडमुगम, के. राजू, आर.बी. उदयकुमार और राज्यसभा सांसद ए. नवनीतकृष्णन की पार्टी की प्राथमिक सदस्यता रद्द करने का ऐलान किया।
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तमिलनाडु में AIADMK के भीतर सियासी घमासान तब शुरू हुआ जब 7 फरवरी को पन्नीरसेल्वम ने शशिकला के खिलाफ बगावत करते हुए कहा कि उन पर सीएम पद से इस्तीफा देने के लिए दबाव डाला गया था। उससे 2 दिन पहले ही 5 फरवरी को शशिकला AIADMK विधायक दल की नेता चुनी गईं थी ताकि वह सीएम बन सकें। लेकिन राज्यपाल विद्यासागर राव ने शशिकला के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक का इंतजार किया।