पद्मावती विवाद: विरोध और धमकियों के बीच फंसी फिल्म, अब 1 दिसंबर को नहीं होगी रिलीज

मुंबई/जयपुर/कोटा.विवाद, विरोध और धमकियों के बीच फंसी फिल्म पद्मावती को निर्माताओं ने अब एक दिसंबर को रिलीज नहीं करने का फैसला किया है। फिल्म निर्माता कंपनी वायाकॉम18 के प्रवक्ता ने कहा कि रिलीज स्वेच्छा से टाली है। नई तारीख जल्द घोषित की जाएगी। उन्होंने कहा-हम देश के कानून और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) जैसी संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करते हैं। उम्मीद है कि फिल्म रिलीज करने के लिए हमें जल्द ही जरूरी मंजूरियां मिल जाएंगी। कंपनी का दावा है कि उनकी फिल्म में राजपूतों की वीरता, परंपरा और मर्यादाएं बेहतर तरीके से दिखाई गई हैं।पद्मावती विवाद: विरोध और धमकियों के बीच फंसी फिल्म, अब 1 दिसंबर को नहीं होगी रिलीज

भाजपा नेता ने कहा, दीपिका का सिर काटने पर 10 करोड़ देंगे

फिल्म को लेकर विरोध तथा निर्माता व कलाकारों को धमकियाें का सिलसिला जारी है। हरियाणा भाजपा के चीफ मीडिया कोऑर्डिनेटर सूरजपाल अम्मू ने दीपिका व भंसाली का सिर काटने पर 10 करोड़ देने का ऐलान किया। उधर, राजस्थान के कोटा, जयपुर सहित अन्य शहरों में कहीं पुतले जलाए गए तो कहीं धरना दिया गया।

विरोध-प्रदर्शन की खबरें

बरेली में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के नेता भुवनेश्वर सिंह ने दीपिका को जिंदा जलाने पर 1 करोड़ रु. देने की घोषणा की। उत्तरप्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य ने कहा कि पद्मावती से विवादित हिस्सा हटाए बिना फिल्म को राज्य में रिलीज नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि इस्लामी आक्रांताओं ने देश में काफी तबाही मचाई है। रानी ने अपनी मर्यादा और सतीत्व की रक्षा के लिए जौहर किया था।

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पाली : भंसाली व अभिनेत्री दीपिका के खिलाफ पाली में परिवाद पेश

– पद्मावती फिल्म को लेकर चल रहे विवाद को लेकर रविवार को पाली शहर के कोतवाली थाने में जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष यशपालसिंह कुंपावत की अोर से निर्माता-निर्देशक संजय लीला भंसाली व फिल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के खिलाफ परिवाद पेश किया है। पुलिस ने फिलहाल परिवाद को जांच में रखा है।

– परिवाद में आरोप हैं कि पद्मावती फिल्म के माध्यम से डायरेक्टर संजय लीला भंसाली व अभिनेत्री दीपिका पादुकोण देश की धार्मिक भावनाओं को आहत कर रहे है, जिससे अशांति पैदा हो गई है। पद्मावती फिल्म में देवी रूप पदमनी उर्फ पद्मावती का गलत चित्रण किया जा रहा है, जिससे मेरी व मेरे जैसे लाखों लोगो की धार्मिक भावनाएं आहत हुई है।

फिल्म पद्मावती पर बयान को लेकर बूंदी राजघराने में घमासान

– फिल्म पद्मावती के विरोध-समर्थन को लेकर छिड़ी जंग में अब बूंदी राजघराने के असली वारिस काे लेकर नया विवाद जुड़ गया है।

– बूंदी के पूर्व महाराजा स्व. बहादुरसिंहजी के भतीजे बलभद्रसिंह और पुत्र वंशवर्द्धनसिंह की ओर से बीते रोज बूंदी के पूर्व राजघराने के प्रतिनिधि के तौर पर फिल्म पद्मावती के विरोध को गलत बताते हुए लॉजिक के आधार पर विराेध को लेकर दिए गए वक्तव्य के बाद नई कंट्रोवर्सी शुरू हो गई है।

– उनके बयान पर जहां करणी सेना और जिला क्षत्रिय शिक्षा प्रचारिणी समिति की त्योरियां चढ़ गई हैं, वहीं पूर्व राजघराने का प्रतिनिधि बताने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और अलवर राजघराने के भंवर जितेंद्रसिंह ने भी कड़ा ऐतराज उठाया है।

– भंवर जितेंद्रसिंह के हवाले से बूंदी में उनके प्रबंध प्रतिनिधि जयसिंह राठौड़ ने बलभद्रसिंह द्वारा बूंदी के पूर्व राज परिवार का सदस्य बताने पर ऐतराज जताया है। राठौड़ की ओर से जारी प्रेस रिलीज में भंवर जितेंद्रसिंह के हवाले से बलभद्रसिंह को कापरेन ठिकाने का प्रतिनिधि बताते हुए कहा गया है कि फिल्म पद्मावती को लेकर दिए गए उनके बयान उनके निजी विचार हो सकते हैं।

– बूंदी के पूर्व राज परिवार का उनके वक्तव्य से कोई संबंध नहीं है। पूर्व राज परिवार बूंदी के वारिस महाराज राजा रणजीतसिंहजी के निधन के बाद उनकी बहन स्व. महेंद्राकुमारीजी के पुत्र भंवर जितेंद्रसिंह व कुलदेवी आशापुरा माताजी ट्रस्ट मालिक हैं।

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– बूंदी का पूर्व राजपरिवार राजस्थान के लोगों के साथ है और इतिहास के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ व गलत चित्रण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बूंदी के पूर्व राजपरिवार के नाम पर बलभद्रसिंह वक्तव्य नहीं दे सकते।

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