पत्रकार खशोगी हत्याकांड में हुआ बड़ा खुलासा, 5 सऊदी अधिकारियों ने नशीली दवा देकर किये थे टुकड़े-टुकड़े 

पत्रकार जमाल खशोगी की मौत से जुड़ा खौफनाख सच सामने आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, खशोगी की हत्या के बाद उसके शव के टुकड़े-टुकड़े किये गये थे। इस मामले में अब अभियोजक ने आरोपी अधिकारियों के लिए सजा-ए-मौत की सिफारिश की है। अभियोजक ने बताया कि पांच सऊदी अधिकारियों ने खशोगी को नशीली दवा दी और उनके शव के टुकड़े-टुकड़े किये। इसके साथ ही अभियोजक ने यह भी बताया कि खशोगी हत्याकांड में सऊदी क्राउन प्रिंस को आरोपी नहीं बनाया गया है।  पत्रकार खशोगी हत्याकांड में हुआ बड़ा खुलासा, 5 सऊदी अधिकारियों ने नशीली दवा देकर किये थे टुकड़े-टुकड़े 

उल्लेखनीय है कि इससे पहले रिपोर्ट्स आयी थी कि सऊदी अरब में शहजादे मोहम्मद बिन सलमान करीब एक साल पहले ही देश के चुनिंदा व्यवसायियों के छोटे समूह के साथ ईरानी शत्रुओं की हत्या के बारे में चर्चा कर चुके हैं। इस वार्ता में शामिल तीन शीर्ष सऊदी खुफिया अधिकारियों ने पहचान छुपाए रखने की शर्त पर यह जानकारी ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ से साझा की है। उधर, अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने सोमवार को सऊदी अरब के शहजादे से कहा कि अमेरिका उन सभी लोगों को सऊदी मूल के अमेरिकी पत्रकार जमाल खशोगी के मामले में जिम्मेदार ठहराएगा जो उनकी हत्या में शामिल रह चुके हैं।

यह वार्ता इस बात के संकेत देती है कि सऊदी अरब में खशोगी की हत्या के सिलसिले में एक साल पहले ही वार्ता शुरू हो चुकी थी। सऊदी अरब ने यह पूछताछ उस वक्त की जब शहजादे बिन सलमान और उप क्राउन प्रिंस व रक्षामंत्री सत्ता को मजबूत करने में जुटे थे। सऊदी अधिकारियों ने खशोगी की मौत को एक अधिकारी मेजर जनरल अहमद अल-असीरी द्वारा दिए गए हत्या के आदेश के रूप में चित्रित किया है। इस संबंध में यह अधिकारी मार्च 2017 को उस बैठक मैं मौजूद भी रहा, जिसमें व्यापारियों ने ईरानी अर्थव्यवस्था को तोड़ने की कोशिश करने की योजना बनाई थी। बाद में असीरी को भी निकाल दिया गया।

तुर्की के पास हैं पर्याप्त सबूत

इस घटना के बाद पहले दिन से तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तैय्यप अर्दोआन का दावा रहा है कि हत्याकांड को अंजाम देने के लिए सऊदी से 15 सदस्यों की एक टीम 2 अक्तूबर को ही इस्तांबुल आई थी। अर्दोआन का दावा है कि तुर्की सुरक्षा सेवा के पास इसके पर्याप्त सबूत भी हैं। तुर्की के अडिग रहने के कारण अंतत: 20 अक्तूबर को सऊदी अरब को कबूल करना पड़ा कि पत्रकार की हत्या की गई है।

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