पति की लाश देख बोली पत्नी, मुआवजा नहीं, उन्हें लौटा दो वे ही मेरी पूंजी हैं

लुधियाना. 20 अक्टूबर की सुबह लुधियाना के इंडस्ट्रियल एरिया-ए में सुफियां चौक के नजदीक प्लास्टिक का सामान बनाने वाली फैक्टरी एमसन्स पालिमर्स में आग लगने के बाद अचानक धमाका हुआ और पांच मंजिला इमारत देखते ही देखते ढह गई। मंगलवार तक मरने वालों की संख्या 13 पहुंच चुकी थी। 48 घंटे बाद भी मलबा हटाने का काम जारी है। वहीं, मंगलवार को जैसे ही फायरमैन राजन सिंह की बॉडी निकाली तो पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल था और कह रही थी कि मुआवजा नहीं चाहिए, मेरे पति को वापस कर दो वही मेरी पूंजी हैं।

बुधवार सुबह सीनियर फायर ब्रिगेड अफसर बीएस संधू के मुताबिक, अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और तीन कर्मी अभी भी मलबे में दबे हुए हैं। जबकि दो घायलसीएमसी हॉस्पिटल में भर्ती हैं। उन्होंने कहा कि कैमिकल के चलते आग अभी लगी हुई है, इस वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतें आ रही हैं।

परिवार में इकलौता था कमाने वाला…

मंगलवार को फायर टीम के साथ मलबे के नीचे दबे फायरमैन राजन सिंह की लाश भी बरामद हो गई। जानकारी के अनुसार, कुंदनपुरी के राजन सिंह की नौ साल पहले रेखा से शादी हुई थी। उनके दो बेटियां जैसिका, जोएला और बेटा रिचर्ड जैरीन है। उसकी पत्नी रेखा ने बताया कि राजन के पिता विजय भी फायरमैन थे। बीमारी के कारण पिता मौत हो गई और उनकी नौकरी करीब पांच साल पहले राजन को मिल गई। वह फोकल पॉइंट फायर स्टेशन पर तैनात था।

तीन बहनों का इकलौता भाई राजन ही परिवार का खर्च चलाता था। बुजुर्ग मां निर्मला ने बताया कि मंगलवार सुबह राजन को ऑफिस से फोन आया और वह चला गया। रोज की तरह रेखा उसे लोकल बस स्टैंड पर छोड़ आई। मगर थोड़ी देर बाद पता चला कि राजन भी मलबे नीचे दब गया है और देर रात को उसकी लाश बरामद हो गई। रेखा ने रोते हुए कहा कि मुझे सरकार की तरफ से मुआवजा नहीं चाहिए, मेरा पति लौटा दो।

फायर अफसर ने बताया कि अभी वी मलवे के नीचे कैमिकल होने के करण वार वार आग लग रही है। जिस कारण राहत का काम धीरे चल रहा है। डर है कि जो केमिकल पड़े है कि कहि मुड से ब्लास्ट ना हो जाए

एक दफा आग पर काबू पा लिया था पर कैमिकल ड्रमों में धमाके से फिर भड़की

– चश्मदीद की माने तो सोमवार सुबह 7 बजे लगी आग पर एक दफा करीब 10.30 बजे काबू पा लिया गया था लेकिन मशीन में धमाका होने से आग फिर भड़क उठी। इसके बाद फिर एक धमाका हुआ।

– बचाव कार्य में लगे फैक्ट्री के प्रोडक्शन मैनेजर गुरदीप सिंह ने बताया, ऊपरी मंजिल पर लगी आग ग्राउंड फ्लोर पर पहुंच चुकी थी।

– आग जैसे ही एक कमरे में रखे केमिकल स्याही वाले ड्रमों तक पहुंची तो फिर धमाका हुआ। इसके बाद बिल्डिंग ही गिर गई। आग की लपटें गली तक आईं। बाहर खड़े लोगों ने भागकर जान बचाई।

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ऐसे लगी आग…

आग शॉर्ट सर्किट से लगी है। बताया जा रहा है कि रविवार रात को स्पार्किंग होने के कारण एक मशीन खराब हो गई थी, जिसे बंद तो कर दिया गया लेकिन किसी को बताया ही नहीं। सोमवार को जब कर्मचारी ने मशीन को चालू किया तो शॉर्ट सर्किट हो गया।

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