पंजाब से लेकर तमिलनाडु तक मोमबत्‍ती जलाने के बाद 3 मई को तय होगी आगे की रणनीति

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-इप्‍सेफ के नेतृत्‍व में एकजुट हुए देश भर के कर्मचारी भत्‍तों को रोकने से हैं नाराज  

हिमाचल प्रदेश में जलाया दीया

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन (इप्सेफ) के आह्वान पर पहली मई को देशभर के केंद्रीय एवं राज्यों के सरकारी कर्मचारी शिक्षकों, ऑटोनॉमस, स्थानीय निकाय, एवं सार्वजनिक निगमों, उपक्रमों तथा शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने जो एकजुटता का प्रदर्शन किया है, यह अत्‍यंत सराहनीय है। न्‍याय के लिए मौजूदा चुनौती भरे दौर के बीच अपनी आवाज को उठाने वाले सभी कर्मचारियों और हमारी इस आवाज को जन-जन और सरकार तक पहुंचाने वाले लोकतंत्र के चौथे स्‍तम्‍भ पत्रकारों का मैं आभार प्रकट करता हूं।

महाराष्‍ट्र में भी जली विरोध की मोमबत्‍ती

इप्‍सेफ के प्रवक्‍ता सुनील यादव ने बताया कि यह कहना है इप्‍सेफ के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष वीपी मिश्र का। उन्‍होंने कहा कि 3 मई को राष्ट्रीय कार्यकारिणी एवं राज्यों के पदाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग से बैठक कर अगला निर्णय लिया जाएगा। उन्‍होंने बताया कि अध्यक्ष वी पी मिश्रा, महामंत्री प्रेम चंद्र, राष्ट्रीय सचिव एवं राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के महामंत्री अतुल मिश्रा ने इस कार्यक्रम की सफलता के लिए देश भर के कर्मचारियों और मीडिया का धन्यवाद ज्ञापित किया है।

राजस्‍थान भी नहीं रहा मोमबत्‍ती जलाने में पीछे

सुनील यादव ने बताया कि विभिन्‍न राज्‍यों में कर्मचारियों ने सरकार के इस कर्मचारी विरोधी कदम पर अपना विरोध जताया। ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों ने अपने-अपने कार्यस्‍थल पर तथा घरों पर रुकने को मजबूर कर्मचारियों ने अपने-अपने घरों पर दोपहर में मोमबत्‍ती और दीया जलाकर कर्मचारियों के बीच एकता का प्रदर्शन करते हुए सरकार से अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की।

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इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी पी मिश्र एवं महामंत्री प्रेमचंद ने बताया कि उत्तर प्रदेश में सचिवालय एवं राजभवन में भी कार्यक्रम हुआ इसी के साथ के जी एम यू, एस जी पी जी आई, राम मनोहर लोहिया संस्थान, वन विभाग, बलरामपुर अस्‍पताल, सिविल अस्पताल सहित प्रदेश के समस्त कार्यालयों में कार्यक्रम कर्मचारियों ने सम्पन्न कराया। दिल्ली में एम्स, लोहिया अस्पताल सहित अन्य चिकित्‍सालयों, केंद्रीय सचिवालय के कर्मचारियों ने मोमबत्ती जलाई। कर्मचारियों में काफी आक्रोश दिखा।, दिल्‍ली, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, राजस्थान, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, महाराष्ट्र एवं केरल, तमिलनाडु आदि राज्यों में व्यापक विरोध प्रदर्शन किया गया। इन राज्यों के सभी जनपदों में मोमबत्ती जलाई गई एवं ज्ञापन भेजा गया। दिल्‍ली में दिल्‍ली यूनिवर्सिटी, आईआईटी में कर्मचारियों ने मोमबत्‍ती जलाने के इस कार्यक्रम में भाग लिया।

यह है गुजरात में जताये गये विरोध की तस्‍वीर

उत्तर प्रदेश में 75 जनपदों में कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा एवं राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ, राजकीय निगमों, रोडवेज, विकास प्राधिकरण स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ, फेडरेशन ऑफ फॉरेस्ट, अस्पतालों में नर्सेज, पैरामेडिकल स्टाफ, वार्ड बॉय, सफाई कर्मचारी एवं विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने भागीदारी की। भाग लेने वाले कर्मचारी मास्क लगाकर तथा 1 मीटर की दूरी का ध्यान रखते हुए कार्यक्रम किया और प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्रियों को ज्ञापन भेजा।

प्रवक्‍ता सुनील यादव ने कहा कि कर्मचारियों को लगातार सरकार द्वारा आर्थिक नुकसान पहुंचाया जा रहा है। मंहगाई भत्ते में वृद्धि की तीन किस्तें रोक दी गई हैं, एन॰पी॰एस॰ में सरकारी अंशदान 14 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है। जीपीएफ की ब्याज दर 7.9 प्रतिशत से घटाकर 7.1 प्रतिशत कर दी गई है। उत्तर प्रदेश में नगर प्रतिकर भत्ता सहित 6 अन्य भत्ते समाप्त कर दिए हैं। इससे कर्मचारियों का आर्थिक नुकसान हो रहा है। कुछ राज्यों में वेतन से भी कटौती की गई है, जिससे कर्मचारी आक्रोशित हैं।

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