पंजाब में कैसे होगा ग्रामीण विकास: केंद्र का बकाया बड़ी अड़चन

पंजाब सरकार का मानना है कि ग्रामीण उत्थान से गांवों के बाशिंदों का जीवन स्तर सुधरेगा और इसके लिए पांच बिंदुओं पर फोकस करते हुए विकास को रफ्तार दी जाएगी ताकि पंजाब के गांव रंगला पंजाब की पहचान बन सकें। पंजाब सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के सामने केंद्र सरकार के पास ग्रामीण विकास फंड का 7737.27 करोड़ रुपये बकाया बड़ी चुनाैती बन सकता है।

पंजाब में ग्रामीण विकास पर सूबे की सरकार पूरी तरह गंभीर है लेकिन विकास की रफ्तार में बड़ी अड़चन से चिंतित भी है क्योंकि ग्रामीण विकास फंड के हजारों करोड़ रुपये केंद्र सरकार के पास बकाया हैं।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक बार फिर केंद्र को इस बारे में अवगत कराते हुए जल्द बकाया राशि के भुगतान का आग्रह किया है। सरकार ने दावा किया है कि जो फंड केंद्र ने रोका है, उसका बुरा असर पंजाब की ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है।

सरकार यह साफ कर चुकी है कि सूबे के विकास का रास्ता गांवों से होकर ही गुजरता है। सरकार बदलदे पिंड, बदलदा पंजाब योजना के तहत ग्रामीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए इस वित्त वर्ष में 3500 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान भी रखा गया है। इसके अंतर्गत गांवों में बिजली, पानी, सड़क इत्यादि बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाते हुए गांवों का सौंदर्यीकरण भी करना है।

ये फंड कृषि और ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के अंतर्गत ग्रामीण संपर्क सड़कों के निर्माण, मंडियों के बुनियादी ढांचे, मंडियों में भंडारण क्षमता बढ़ाने और मंडियों के मशीनीकरण पर खर्च किया जाता है। केंद्र के पास यह फंड वित्त वर्ष 2021-22 से बकाया है।

ग्रामीण विकास फंड के अलावा केंद्र के पास मंडी शुल्क के भी 1836.62 करोड़ बकाया हैं। बकाया राशि की वजह से ग्रामीण विकास बोर्ड व मंडी बोर्ड अपने कर्जों और देनदारियों का भुगतान भी नहीं कर पा रहे हैं। मौजूदा ग्रामीण बुनियादी ढांचे की मरम्मत व रखरखाव करने व समग्र ग्रामीण विकास के लिए नया बुनियादी ढांचा स्थापित करने में दिक्कत आ रही है।

केंद्र जल्द जारी करे फंड : सीएम
फंड के जारी न होने से सूबा गंभीर वित्तीय संकट से गुजर रहा है। इससे ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास और रखरखाव के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर भी बुरा असर पड़ रहा है। जनहित में केंद्र सरकार पंजाब को उसका बकाया फंड जल्द जारी करे। इसके लिए पिछले दिनों केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी से भी मिलकर उनसे हस्तक्षेप की मांग की गई है।– भगवंत मान, मुख्यमंत्री, पंजाब

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