पंजाब के मेडिकल संस्‍थानों में पंजाब के बाहर 10वीं और 12वीं कक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों को भी स्‍टेट कोटा का मिलेगा लाभ

पंजाब से बाहर के स्कूलों से दसवीं या बारहवीं करने वाले राज्‍य के छात्रों को पंजाब के मेडिकल संस्थानों में स्टेट कोटा का लाभ मिलेगा। पंजाब सरकार के फैसले पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने भी अपनी मोहर लगा दी है। इससे विद्यार्थियों को काफी फायदा होगा।

मेडिकल कॉलेजों में दाखिले का मामला, सरकार के फैसले पर हाईकोर्ट की भी मुहर

पंजाब के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस और बीडीएस कोर्स में प्रवेश के लिए पंजाब से बाहर दसवीं या बारहवीं पास करने वाले छात्रों को स्टेट कोटा का लाभ देने के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर हुई थी। याचिकाओं में सेजल गर्ग और अन्यों ने कहा था कि हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्य अपने मेडिकल कॉलेजों में दूसरेे राज्यों के छात्रों को आवेदन करने की अनुमति नहीं देते। ऐसे में पंजाब में दूसरे राज्यों के छात्रों को मेडिकल कॉलेजों में स्टेट कोटा का लाभ देने से पंजाब के छात्रों को अतिरिक्त प्रतिस्पर्धा झेलनी पड़ रही है।

पंजाब सरकार ने इसी साल 6 जून को जारी की गई अधिसूचना में दूसरे राज्यों से दसवीं या बारहवीं करने वाले पंजाबी मूल के छात्रों को स्टेट कोटा का लाभ देने के अपने फैसले का बचाव किया। सरकार ने कहा कि यह व्यवस्था पंजाबी मूल के उन छात्रों के लिए की गई है जिनके अभिभावक नौकरी के चलते राज्य से बाहर रहते हैं। या फिर जो छात्र बेहतर शैक्षिक सुविधाओं के लिए पंजाब के बाहर अपनी आरंभिक शिक्षा प्राप्त करते हैं। पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट में अपने जवाब में कहा था कि सरकार ने अन्य राज्यों की एडमिशन नीति को पढ़ कर ही इस व्यवस्था को अपनाया है।

नीति बनाना सरकार का अधिकार

पंजाब सरकार के इस फैसले को हरी झंडी देते हुए जस्टिस दया चौधरी और जस्टिस सुधीर मित्तल की खंडपीठ ने कहा कि अंडर-गे्रजुएट मेडिकल कॉलेजों मेें प्रवेश की नीति बनाना पंजाब सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। सरकार ने सोच-विचार के बाद ही यह फैसला लिया है।

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