पंजाब के डीजीपी सुरेश अरोड़ा को मिला नौ माह का एक्सटेंशन
चंडीगढ़। पंजाब के डीजीपी सुरेश अरोड़ा के सेवाकाल में केंद्र सरकार ने नौ माह की और वृद्धि कर दी है। अरोड़ा को इसी माह 31 जनवरी को सेवानिवृत्त होना था। इससे पूर्व उन्हें 30 सितंबर को सेवानिवृत्त होना था, लेकिन सरकार ने उन्हें तीन माह का सेवा विस्तार दे दिया था। अब उन्हें नौ माह का और सेवा विस्तार दिया गया है।
अरोड़ा 1982 बैच के आइपीएस अधिकारी हैं। कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि डीजीपी सुरेश अरोड़ा को हटाने का फैसला सरकार के पहले फैसलों में होगा। सरकार ने मुख्य सचिव सर्वेश कौशल को हटा दिया था, लेकिन अरोड़ा नहीं हटाया था। इसके बाद सूबे में पिछली व मौजूदा सरकार के कार्यकाल में हुई धार्मिक नेताओं की हत्या के मामले हल करने को लेकर अरोड़ा की पीठ भी सरकार ने ठोंकी थी। उसके बाद से अरोड़ा मुख्यमंत्री के करीब होते गए।
अलबत्ता एसटीएफ के गठन के बाद अरोड़ा व एसटीएफ चीफ हरप्रीत सिद्धू लॉबी में छिड़ी वर्चस्व की जंग में सरकार ने खुलकर अरोड़ा का साथ दिया। इतना ही नहीं ड्रग्स के मामलों और कुछ भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों को संरक्षण देने को लेकर एस चटोपाध्याय के आरोपों के बाद भी सरकार खुलकर अरोड़ा के साथ खड़ी रही। प्रदेश की दो सरकारों में काम करने वाले पहले अरोड़ा पहले डीजीपी हैैं।
केपीएस गिल के बाद मिली अरोड़ा को एक्सटेंशन
इससे पहले सुपर कॉप केपीएस गिल को आतंकवाद के दौर में सरकार ने विशेष तौर पर केंद्र सरकार से सिफारिश करके एक-एक साल की दो बार एक्सटेंशन दिलवाई थी। पंजाब से आतंकवाद के खात्मे के लिए गिल के काम को आज भी कुछ लोग सराहते हैं तो कुछ लोग उनकी कार्यप्रणाली की निंदा भी करते हैं। उनके बाद अरोड़ा दूसरे डीजीपी हैं जिन्हें सरकार की तमाम कोशिशों के बाद एक्सटेंशन दी गई है।