पंचायत चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण में मतदान को बूथों में लगी लाइन….

हरिद्वार को छोड़कर राज्य के शेष 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण का मतदान को लेकर मतदाताओं में उत्साह बना हुआ है। पोलिंग बूथों पर सुबह से ही मतदाताओं की लाइन लग गई। मतदान में महिलाएं, युवा और बुजुर्ग भी बढ़चढ़कर भागीदारी निभा रहे हैं। निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान के लिए प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली थी। अंतिम चरण में 28 विकासखंडों के दूरस्थ क्षेत्रों की 2416 ग्राम पंचायतों में वोट डाले जा रह हैं। सभी पोलिंग बूथों में मंगलवार शाम को पोलिंग पार्टियों ने मोर्चा संभाल लिया था। 719 पोलिंग पार्टियां सोमवार को बूथों पर पहुंच गई थीं, जबकि 2469 मंगलवार को पहुंची थी।

सुबह करीब आठ बजे से सारे पोलिंग बूथों पर मतदान शुरू हो गया था। इस दौरान कई स्थानों पर सुबह से ही लाइन लग गई। कहीं कोई गड़बड़ी और विवाद की सूचना नहीं है। मतदान शांतिपूर्ण शुरू होने से प्रशासन भी राहत महसूस कर रहा है। मदतान शाम पांच बजे तक चलेगा।

पंचायत चुनाव के अंतिम चरण में ग्राम पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य व जिला पंचायत सदस्य पदों के लिए किस्मत आजमा रहे 11167 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होना है। देर रात तक ब्लाक मुख्यालयों में बनाए गए स्ट्रॉग रूम में मतपेटियों के पहुंचने का क्रम शुरू हो जाएगा। मतदान केंद्रों के साथ ही स्ट्रांग रूम में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

इन विकासखंडों में हो रहा मतदान  

जिला अल्मोड़ा- सल्ट, स्याल्दे, भिकियासैंण।

जिला उधमसिंह नगर-खटीमा, सितारगंज।

जिला चंपावत- पाटी।

जिला पिथौरागढ़- धारचूला, मुनस्यारी, डीडीहाट।

जिला नैनीताल- बेतालघाट, ओखलकांडा।

जिला बागेश्वर- कपकोट।

जिला उत्तरकाशी- मोरी, पुरोला।

जिला चमोली- देवाल, थराली, नारायणबगड़।

जिला टिहरी- कीर्तिनगर, देवप्रयाग, नरेंद्रनगर

जिला देहरादून- विकासनगर, चकराता।

जिला रुद्रप्रयाग- अगस्त्यमुनि।

जिला पौड़ी- रिखणीखाल, पोखड़ा, थलीसैंण, नैनीडांडा, बीरोंखाल।

तंत्र की हुई असल परीक्षा

अंतिम चरण के मतदान को संपन्न कराने में प्रशासन की असली परीक्षा हो रही है। इस चरण में 3188 पोलिंग बूथों से वापसी में भी पोलिंग पार्टियों व सुरक्षाकर्मियों को खासी मशक्कत करनी पड़ेगी। उन्हें वापसी में भी रोड हेड तक पहुंचने को कई-कई किमी की दूरी पैदल नापनी होगी। ऐसे में मतपेटियों को सुरक्षित स्ट्रांग रूम पहुंचाने की चुनौती भी कम नहीं है।

हालांकि, राज्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट का कहना है कि चुनौतियां तो हैं, मगर सुरक्षा आदि के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। 28 विकासखंडों में हो रहे अंतिम चरण के मतदान के लिए 719 पोलिंग बूथ ऐसे हैं, जहां तक पहुंचने को पोलिंग पार्टियों के साथ ही सुरक्षाकर्मियों को 10 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी पैदल नापनी पड़ी।

जाहिर है कि वापसी में भी उन्हें इन्हीं परिस्थितियों से दो-चार होना पड़ेगा। उस पर यदि वापसी में मौसम खराब हो गया तो दिक्कतें बढ़ सकती हैं। यही नहीं, सीमांत विकासखंडों के कुछ इलाके ऐसे भी हैं, जहां संचार सेवाएं न के बराबर हैं।

धारचूला क्षेत्र के एक दुर्गम इलाके में तो मोबाइल नेटवर्क काम ही नहीं करता। सूरतेहाल, सिस्टम को चुनाव से संबंधित सूचनाएं वक्त पर पहुंचाना भी किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं होगा। साफ है कि पंचायत चुनाव के अंतिम चरण में ही प्रशासन की असली परीक्षा होने जा रही है।

13.66 लाख वोटर करेंगे फैसला 

अंतिम चरण में 28 विकासखंडों की 2416 ग्राम पंचायतों में 1366129 मतदाता प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। इनमें 666036 महिला और 700093 पुरुष मतदाता हैं।

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