नहीं हो रहा सनी की मोहल्ला अस्सी की मुश्किलों का अंत, सेंसर फिर अड़ा

बनारस की गाली-बोली-भाषा वाली संस्कृति के बीच बनाया गया चंद्रप्रकाश द्विवेदी का पॉलिटिकल ड्रामा यानि मोहल्ला अस्सी पर फिर से संकट के बादल हैं । सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म के प्रोमो को बिना किसी कट के पास करने से मना कर दिया है ।

बता दें कि सनी देओल और साक्षी तंवर स्टारर फिल्म मोहल्ला अस्सी को लेकर मेकर्स अदालत गए थे और करीब 13 महीने तक चले कानूनी दांवपेंच और 11 सुनवाई के बाद इस फिल्म को 16 नवंबर को रिलीज़ करने की घोषणा की गई। फिल्म को सेंसर ने ए सर्टिफिकेट के साथ पास किया । लेकिन अब ख़बर है कि सेंसर की परीक्षण समिति ने बिना कट के प्रोमो को पास करने से मना कर दिया है ।

ये फिल्म इंटरनेट पर पहले ही लीक हो गई है । इस कारण पिछले साल फिल्म के निर्माताओं के ख़िलाफ़ एक पीआईएल फ़ाइल की गई थी जिसके बाद सेंसर बोर्ड ने कहा कि फिल्म धार्मिक भावनाओं को आहात करती है । इसके बाद फिल्म ने निर्माता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कुछ सीन को एडिट करने के साथ फिल्म को एडल्ट सर्टिफिकेट देने की संस्तुति की गई । फिल्म के प्रोमो, जो को यू सर्टिफिकेट के साथ थे उन्हें रिलीज़ कर दिया गया है लेकिन ए सर्टिफिकेट वाले प्रोमो को रोका गया है ।

सेंसर ने निर्माता से कहा है कि फिल्म से गाली गलौच वाले दो सीन को निकाल दिया जाय लेकिन निर्माता का कहना है कि वो सीन उनके प्रमोशन के लिए बेहद जरुरी है और वो इसे नहीं हटा सकते । फिल्म के को-प्रोड्यूसर अशोक आहूजा का कहना है कि एक बार जब हाईकोर्ट से हरी झंडी मिल गई है तो सेंसर को प्रोमो रोकना नहीं चाहिए। अब हमें कहा गया है कि आप पुनरीक्षण समिति के पास जाएं । उन्होंने कहा कि इस प्रोमो को डिजिटली या प्राइवेट थियेटर में भी दिखाया जा सकता है लेकिन इससे फिल्म का वो प्रभाव नहीं पड़ेगा ।

मोहल्ला अस्सी, वाराणसी के जाने माने साहित्यकार काशीनाथ सिंह की साल 2004 में आई किताब काशी का अस्सी पर आधारित है । इस नॉवेल में रामजन्म भूमि और मंडल कमीशन के दौरान की घटनाओं को राजनीतिक परिपेक्ष्य में व्यंगात्मक तरीके से लिखा गया है । फिल्म में सनी देओल और साक्षी तंवर के अलावा रवि किशन, मुकेश तिवारी, सौरभ शुक्ला भी अहम भूमिका में हैं।

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